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“झटका हो या पटका, मटन तो मिलना चाहिए!”…रामदास आठवले का नितेश राणे को प्रेमभरा सुझाव

राजन पारकर / मुंबई

झटका हो या हलाल, हमें तो बस मटन चाहिए! झटका करो या पटका करो, लेकिन मटन की कमी नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अपनी अनोखी शैली में नितेश राणे को यह प्रेमभरा सुझाव दिया है कि उन्हें इस मुद्दे पर इतनी कड़ी भूमिका नहीं लेनी चाहिए।
दरअसल, नितेश राणे ने हाल ही में यह मांग उठाई थी कि केवल “झटका सर्टिफिकेट” वाले मटन की ही बिक्री होनी चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रामदास आठवले ने कहा कि मटन झटका हो या हलाल, असली मुद्दा यह है कि जनता को मटन मिलना चाहिए!
इसके साथ ही आठवले ने नितेश राणे के उस बयान का भी खंडन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में मुस्लिम सैनिक नहीं थे। आठवले ने स्पष्ट किया कि इतिहास में दर्ज है कि शिवाजी महाराज के तोपखाने के प्रमुख मुस्लिम थे और कई बहादुर मुसलमानों ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
इतिहास की इस बहस को विराम देते हुए आठवले ने चुटकी लेते हुए कहा, “न तो नितेश राणे तब थे, न मैं था, लेकिन इतिहास तो अपनी जगह पर अटल है!”

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