लव मैरिज करने पर पिता ने बेटी पिंडदान व शांति भोज का किया आयोजन
उज्जैन जिले की खाचरोद तहसील के ग्राम घुड़ावन में एक अजीब मामला सामने आया है। जहां एक परिवार ने अपनी बेटी मेघा गरगामा को मरा हुआ मानते हुए पिंडदान और शांति भोज का आयोजन कर डाला। इतना ही नहीं, परिवार ने शोक पत्रिका भी छपवाई और पूरे विधि-विधान से कार्यक्रम संपन्न किया।
मिली जानकारी के अनुसार, मेघा गरगामा ने अपने प्रेमी दीपक (पिता मदनलाल बैरागी, निवासी घिनोदा) के साथ भागकर शादी कर ली थी। जब परिवार के लोग उसे वापस लाने पहुंचे तो उसने पुलिस थाने पर उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। इससे नाराज होकर परिवार ने उसकी शोक पत्रिका छपवा दी और उसकी अंतिम क्रिया, पिंडदान और शांति भोज का आयोजन किया। लड़की के परिजनों ने कहा कि उनकी बेटी उनके लिए मर चुकी है, क्योंकि उसने एक गलत पैâसला लिया है। उन्होंने बताया कि जिस बेटी के कन्यादान के सपने देखे थे, अब उसी का पिंडदान करना पड़ रहा है।
सरकार से की गई मांग
भरत कांकर ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सरकार को कोई नियम बनाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि २२ वर्ष की उम्र तक माता-पिता की सहमति से ही शादी का नियम लागू हो। उन्होंने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए कभी बुरा नहीं सोचते, लेकिन बड़े होने के बाद बच्चे उन्हें भूल जाते हैं, जो गलत है।
शोक पत्रिका वायरल
इस कार्यक्रम की शोक पत्रिका सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। शोक संदेश में लिखा है, ‘अत्यंत दुख के साथ लिखना पड़ रहा है कि वरदीराम जी की पुत्री एवं रघुनंदन की छोटी बहन मेघा का स्वर्गवास १५ मार्च २०२५, शनिवार को हो गया, जिनकी आत्मशांति हेतु उत्तरकार्य निम्नानुसार रखा गया है।’