मुख्यपृष्ठअपराधतहकीकात : बच्चों का खात्मा कर पिता ने दी जान

तहकीकात : बच्चों का खात्मा कर पिता ने दी जान

फिरोज खान

होली की छुट्टी होने के कारण किशोर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ काकीनाडा ग्रामीण मंडल के वकालपुड़ी गांव में ओएनजीसी कार्यालय में अपने सहकर्मियों के साथ त्योहार मनाने गया था। कार्यालय में होली खेलने के बाद उसने पत्नी से कहा कि तुम यहीं बैठो मैं दर्जी के पास बच्चों के कपड़ों का नाप दिलवाकर आता हूं। काफी देर बाद जब किशोर वापस नहीं लौटा तो पत्नी ने पति को फोन करना शुरू किया। कुछ समय बाद किशोर का मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि वो दस मिनट में आ रहा है। मैसेज आने के काफी देर बाद भी जब वो नहीं आया तो पत्नी तनुजा दफ्तर के एक सहकर्मी के साथ घर पहुंची। घर का दरवाजा अंदर से बंद होने के कारण तनुजा ने दरवाजे को खटखटाते हुए आवाज दी। अंदर से कोई आवाज न आने पर वह चिंतित हो गई और पास-पड़ोस के लोगों को बुलवाकर घर का दरवाजा तोड़ा। घर के अंदर दाखिल होते ही अंदर का दृश्य देख तनुजा के होश उड़ गए। घर के अंदर सिलिंग पैâन से किशोर लटका हुआ था और दोनों बच्चे बाथरूम में मृत पड़े थे। इस दृश्य को देखने के बाद तनुजा बेहोश होकर गिर पड़ी। मौके पर पहुंची पुलिस को जांच में किशोर के पास से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा था कि उसे एहसास हुआ कि उसके दोनों बेटे इस कॉम्पिटिटिव दुनिया में खुद को स्थापित नहीं कर पाएंगे क्योंकि दोनों पढ़ने में कमजोर हैं। ओएनजीसी में बतौर असिस्टेंट काम करनेवाले किशोर का परिवार आर्थिक रूप से स्थिर था। जांच में पता चला कि आत्महत्या करने से पहले किशोर ने दोनों बच्चों के हाथ-पैर बांधे और उनके सिर को पानी में भरी बाल्टी में तब तक डुबोकर रखा जब तक उन्होंने दम नहीं तोड़ दिया। इसके बाद किशोर ने पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली।

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