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महायुति सरकार के राज में राज्य के हर नागरिक पर रु. ७२,७६१ के कर्ज का बोझ! …पिछले चार वर्ष में हुई रु. २१,१८० की बढ़ोतरी

राज्य का कुल कर्ज बढ़कर हुआ रु. ९,३२,२४२ करोड़
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र में महायुति सरकार के शासन में राज्य की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इस बिगड़ी स्थिति को दुरुस्त करने में यह सरकार पूरी तरह से विफल रही है। इस बीच बजट में एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। राज्य पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ता जा रहा है और यह ९ लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। ऐसे में यदि राज्य में प्रति व्यक्ति के ऊपर इस कर्ज को बांटा जाए तो हर नागरिक पर ७२,७६१ रुपए के कर्ज का बोझ आएगा।
मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के हर नागरिक पर पिछले चार वर्षों में ही २१,१८० रुपए का कर्ज बढ़ा है। इससे पहले के चार सालों में यह कर्ज महज १०,५७० रुपए बढ़ा था। लेकिन मौजूदा सरकार में यह कर्ज दोगुना हो गया। कुल मिलाकर ईडी २.० सरकार आम जनता को कर्ज में डुबो रही है।

आर्थिक स्थिति का सूचक
राज्य का सकल घरेलू उत्पाद के साथ उसके कर्ज का अनुपात राज्य की आर्थिक स्थिति का सूचक माना जाता है।
२०२८-१९ में बढ़ा था रु. ५ हजार करोड़
वर्ष २०१८-१९ में राज्य पर कुल कर्ज करीब पांच हजार करोड़ रुपए बढ़कर चार लाख सात हजार १५२ रुपए पहुंच गया। उस समय भी राज्य का सकल राज्य उत्पाद २५ लाख २८ हजार ८५४ रुपए पर पहुंच गया। इस तरह सकल राज्य उत्पाद के साथ राज्य पर कुल कर्ज का अनुपात १६.१० फीसदी था।

महाविकास आघाड़ी सरकार ने
कर्ज पर लगा रखी थी लगाम!

महायुति सरकार तेजी के साथ कर्ज ले रही है। राज्य पर कर्ज का आंकड़ा ९ लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गया है। जबकि महाविकास आघाड़ी सरकार ने इस कर्ज में वृद्धि को नियंत्रण में रखा था और यह काफी कम बढ़ा था।
राज्य पर कर्ज को लेकर सामने आई जानकारी में बताया गया है कि वर्ष २०१९-२० में प्रत्येक व्यक्ति पर ४०,१३५ रुपए का कर्ज था। इसी तरह वर्ष २०२०-२१ में इसमें मामूली वृद्धि हुई और यह ४१,७२७ रुपए पर पहुंच गई। कुल मिलाकर महाविकास आघाड़ी के ढाई साल के शासनकाल में राज्य में प्रति व्यक्ति कर्ज में केवल ६,२३७ रुपए की ही बढ़ोतरी हुई थी। तत्कालीन मविआ सरकार ने अपने सटीक नियोजन के चलते नागरिकों पर कर्ज के बोझ को बहुत ज्यादा नहीं बढ़ने दिया। बता दें कि महायुति सरकार के शासन में वर्ष २०२५-२६ में राज्य पर कर्ज का कुल बोझ ९ लाख ३२ हजार २४२ करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जबकि राज्य का सकल राज्य उत्पाद ४९ लाख ३९ हजार ३५५ करोड़ रुपए है। सकल राज्य उत्पाद के साथ तुलना करने पर राज्य पर कुल कर्ज का अनुपात १८.८७ फीसदी है। इस तरह से राज्य में प्रत्येक व्यक्ति पर कर्ज का बोझ ७२ हजार ७६१ रुपए पहुंच गया है।

 भविष्य में बढ़ सकता है कर्ज
महायुति सरकार में शून्य नियोजन के चलते राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ते ही जा रहा है। वित्तीय विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले निकट भविष्य में कर्ज का यह बोझ और बढ़ने की संभावना है। इसे यदि नियंत्रित नहीं किया गया, तो निकट भविष्य में आम नागरिकों की कर्ज भरने में ही कमर टूट जाएगी।
 प्रति व्यक्ति आय में पीछे हैं तीन जिले
आंकड़ों के मुताबिक, सबसे कम प्रति व्यक्ति आय के मामले में नंदुरबार जिला १,२९,१४६ रुपए, वाशिम जिला १,३४,७५४ रुपए और बुलढाणा जिला १,३७,२३५ रुपए है। इसी तरह सबसे ज्यादा आय के मामले में पुणे ३,७४,२५७, ठाणे ३,९०,७२६ रुपए और मुंबई की प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक ४,५५,७६७ रुपए है। मुंबई की प्रति व्यक्ति आय के मामले में सबसे आगे और नंदुरबार जिला सबसे पीछे है। दोनों जिलों की प्रति व्यक्ति आय के बीच का अंतर ३ लाख २६ हजार ६२१ रुपए है, जो काफी बड़ा अंतर है।

 

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