-एमएमआरडीए और एमबीएमसी पर जानकारी छुपाने का आरोप
सामना संवाददाता / मुंबई
मेट्रो ९ के कार डिपो निर्माण के लिए भायंदर के उत्तन इलाके में १०,००० पेड़ों की कटाई की योजना को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) और मीरा-भायंदर मनपा पर जानकारी छुपाने और पर्यावरणीय प्रभाव की अनदेखी करने के आरोप लग रहे हैं।
जल्दबाजी में लिया गया फैसला
मनपा ने १२ मार्च को सार्वजनिक नोटिस जारी किया और नागरिकों से सिर्फ ७ दिनों में सुझाव और आपत्तियां मांगीं। आमतौर पर इस तरह के नोटिस ऑनलाइन प्रकाशित किए जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया, जिससे नागरिकों में नाराजगी है।
स्थानीय विरोध तेज
स्थानीय नागरिकों और पर्यावरणविदों का कहना है कि बिना उचित पारदर्शिता और सार्वजनिक चर्चा के पेड़ों की कटाई को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पर्यावरणीय संकट
पर्यावरणविदों के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई से जलवायु, वायु गुणवत्ता और जैव विविधता पर गंभीर असर पड़ेगा। मुंबई पहले ही शहरी गर्मी, द्वीप (अर्बन हीट आईलैंड) प्रभाव और घटते हरित क्षेत्र की समस्या से जूझ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में हरियाली खत्म होने से तटीय क्षरण और बाढ़ का खतरा भी बढ़ सकता है।
मनपा और एमएमआरडीए की चुप्पी
मनपा का कहना है कि जल्द ही सार्वजनिक सुनवाई होगी, लेकिन तारीख और स्थान अभी तय नहीं किया गया है। वहीं, एमएमआरडीए ने प्रतिपूरक वनीकरण की कोई ठोस योजना नहीं बताई। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि काटे गए पेड़ों के बदले कहां और कितने पेड़ लगाए जाएंगे।