– विपक्ष के विधायकों ने राज्यपाल से की शिकायत
सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और विधान परिषद सभापति राम शिंदे सदन के कामकाज में पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं और विरोधी पक्ष के विधायकों को दबा रहे हैं। इसकी शिकायत विरोधी पक्ष की महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने कल राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को एक ज्ञापन के माध्यम से की। इस संबंध में तत्काल गंभीरता से निर्णय लेकर न्याय दिए जाने की मांग भी विपक्ष ने राज्यपाल से की।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद सभापति सत्तारूढ़ पक्ष का साथ देकर नियमों के विरुद्ध जाकर कामकाज चला रहे हैं। विपक्ष ने राज्यपाल के समझ यह बात सामने रखी कि उनके सदस्यों को अपने मत रखने से रोका जा रहा है और महत्वपूर्ण चर्चाओं के दौरान विपक्षी दलों को बाधित किया जा रहा है। संसदीय प्रणाली में विरोधी पक्ष एक महत्वपूर्ण घटक है। उनकी भूमिका सरकार विरोधी नहीं, बल्कि सरकार के निर्णयों और नीतियों पर नियंत्रण रखने की है। जहां आवश्यक हो, वहां आलोचना करना और वैकल्पिक नीतियां सुझाना उनका काम है। विरोधी पक्ष के सदस्यों को बोलने न दिए जाने के कारण उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। यह बात विधान परिषद के विरोधी पक्ष के नेता अंबादास दानवे ने राज्यपाल के समक्ष रखी।
विधानसभा में विरोधी पक्ष के सदस्यों को सूचना उपस्थित करने का अधिकार है, लेकिन उनके प्रस्तावों का सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जाता। पूरक प्रश्नों की चर्चा के दौरान संबंधित मंत्रालय के मंत्री और राज्यमंत्री का सदन में उपस्थित रहना अनिवार्य है, पर इसकी अनदेखी की जा रही है। यह बात भी राज्यपाल के संज्ञान में लाई गई।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर शिवसेना विधानमंडल दल के नेता आदित्य ठाकरे, विधानसभा में शिवसेना गुटनेता भास्कर जाधव , कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता विजय वडेट्टीवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील, शिवसेना विधायक अनिल परब, अजय चौधरी, सुनील राऊत, सुनील शिंदे, सचिन अहिर, कैलास पाटील, बाला नर, मनोज जामसुतकर, वरुण सरदेसाई, जे. एम. अभ्यंकर, कांग्रेस के नाना पटोले, भाई जगताप, प्रवीण स्वामी, अभिजित वंजारी, राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक शशिकांत शिंदे, जितेंद्र आव्हाड, सिद्धार्थ खरात आदि मौजूद थे।