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मुंबई के पर्यावरण की नहीं कोई फिक्र … चार माह में मनपा के ठेकेदारों ने २,५०० पेड़ों की खोद डाली जड़ें!

अंधेरी, विले पार्ले, घटकोपर में सबसे ज्यादा घटनाएं
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा शहर में कुछ जगहों पर सड़कों का सीमेंटीकरण कर रही है। मगर इस कार्य में शहर के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जो ठेकेदार सड़क बना रहे हैं, वे किनारे के पेड़ों की जड़ें खोद रहे हैं। इससे कई पेड़ सूख गए तो कई की ठूंठें बची हैं। खासकर उपनगरों में इस तरह से पर्यावरण के साथ खिलवाड़ के कार्य बड़ी संख्या में किए जा रहे हैं।
जानकारों के अनुसार, सिर्फ चार महीनों में उपनगरों में करीब ढ़ाई हजार पेड़ों की जड़ें ठेकेदारों ने खोद डाली हैं। इसके पहले शहर में कुछ फलाईओवर और मेट्रो के निर्माण कार्य के दौरान भी बड़ी संख्या में पेड़ों को ठिकाने लगाया गया। पर्यावरणविदों का मानना है कि सरकारी एजेंसियों की अकर्मण्यता और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण शहर के पर्यावरण को व्यापक नुकसान पहुंच रहा है, जिससे शहर में वायु प्रदूषण तो बढ़ ही रहा है, साथ ही मुंबई में गर्मी भी बढ़ती जा रही है।

लापरवाह ठेकेदार पेड़ों
को पहुंचा रहे नुकसान!
कुछ मामलों में सिर्फ एनसी कराई गई दर्ज

मुंबई में निर्माण कार्य के दौरान शहर के पर्यावरण को व्यापक तौर पर नुकसान पहुंच रहा है। सड़क के कंक्रीटीकरण के दौरान ठेकेदारों ने हजारों पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है। पिछले चार महीनों में मनपा के ठेकेदारों ने लगभग २,५०० पे़ड़ों की जड़ें खोद डाली हैं। लगातार सड़कों और गटरों की खुदाई व अन्य कार्य के दौरान पेड़ों को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है, जिससे शहर में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
उद्यान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, १ अक्टूबर २०२४ से अब तक शहर में जारी सड़क सीमेंटीकरण और अन्य विकास कार्यों के कारण करीब ढाई हजार पेड़ क्षतिग्रस्त हो गए हैं। २६ पेड़ कमजोर होने की वजह से गिर गए। बताया जा रहा है कि मनपा ने सड़क की खुदाई के दौरान पेड़ों की जड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले लापरवाह ठेकेदारों को अब तक ३४८ नोटिस भेजे हैं, वहीं सात मामलों में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि सात मामलों में से पांच मामले पी/नॉर्थ (मालाड वेस्ट) में पेड़ों को नुकसान पहुंचाने के लिए दर्ज किए गए हैं। इसमें मालाड, दिंडोशी और कुरार पुलिस स्टेशनों में एनसी दर्ज कराई गई है।

संबंधित ठेकेदारों पर कार्रवाई
‘सड़क निर्माण के दौरान इंजीनियरों को कार्यस्थल पर मौजूद रहना आवश्यक है। कार्य में तेजी लाई जा रही है, लेकिन ध्यान उच्च गुणवत्ता बनाए रखने पर ही केंद्रित रहना चाहिए। पेड़ों को क्षतिग्रस्त करने के लिए संबंधित ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाती है।
-अभिजीत बांगर, (अतिरिक्त मनपा आयुक्त)

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