छूट गया किनारा

‘छूट गया किनारा,
फिर भी तलाश जारी है
वह फिर मिले या न मिले,
हम तो ढूंढते रहेंगे उसको
क्योंकि तलाश जारी है।
बहुत मुश्किलों की राहों पर,
चल कर जब तू मिला था
एक अलग-सा अनुभव हुआ,
खुशी का समंदर था
पर छूट गया किनारा,
फिर भी तलाश जारी है।
जिंदगी के यह पल सुख हो या दुःख,
बहुत अनमोल होते हैं।
पर यह बहुत कम है जो पलभर में,
आंखों से ओझल हो जाते हैं इसलिए तलाश जारी है।
एक बार दूर आसमान से टूटा सितारा,
जब टूट कर गिर जाता है तो
फिर, वह कहां जुड़ता होगा!
पर हम इंसान की दीवानगी ऐसी है,
हम तो ढूंढते रहेंगे उसको,
क्योंकि तलाश जारी है॥
-हरिहर सिंह चौहान
इंदौर

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