सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा के ठेकेदार बिगड़ैल व लापरवाह होते जा रहे हैं। मनपा की नाक के नीचे ही वे सड़क सीमेंटीकरण कार्य के दौरान कहीं पेड़ों के जड़ खोद रहे हैं, वहीं कुछ तो जगहों पर सीमेंट में ही मिलावट कर रहे हैंै जिससे गुणवत्ता कम हो रही है। सीमेंट की गुणवत्ता की जांच करने के लिए `स्लंप टेस्ट’ नामक टेस्ट किया जाता है। इसी प्रकार का टेस्ट मानखुर्द और चेंबूर में मनपा द्वारा किया गया, जहां पर सीमेंट की गुणवत्ता में कमी पाई गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, मानखुर्द- आगरवाड़ी गांव स्थित वैâ. नितू मांडके मार्ग और चेंबूर स्थित महर्षि दयानंद सरस्वती मार्ग सीमेंटीकरण कार्य का निरीक्षण मनपा अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर ने किया। इन सड़कों पर इस्तेमाल हुए सीमेंट की जब जांच की गई तो पाया गया कि इसकी गुणवत्ता में कमी है। इसके बाद मनपा अधिकारी ने आनन-फानन में ठेकेदार और गुणवत्ता नियंत्रण संस्था से स्पष्टीकरण मांगकर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि रेडी-मिक्स कंक्रीट प्रकल्प से निर्माण कार्यस्थल तक किए जा रहे वाहन में सीमेंट मिश्रण `स्लंप टेस्ट’ के दौरान `रीडिंग’ अपेक्षा से अधिक पाए जाने का गंभीर मामला संज्ञान में लिया गया और साथ ही सीमेंट मिक्सर वाहन को वापस भेज दिया गया। कंक्रीट की कार्यवहन क्षमता (वर्क एबिलिटी) के लिए `स्लंप टेस्ट’ किया जाता है। इसका उपयोग कंक्रीट में सीमेंट और पानी की मात्रा मापने के लिए किया जाता है। सड़क निर्माण कार्य में `स्लंप टेस्ट’ को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। इसलिए कंक्रीट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मनपा प्रशासन ने रेडी-मिक्स कंक्रीट प्रकल्प स्थल (आरएमसी प्लांट) और कार्यस्थल (ऑन फील्ड) दोनों स्थानों पर `स्लंप टेस्ट’ को अनिवार्य किया है।
सोशल मीडिया पर मुंबईकरों ने मनपा की खोली पोल
बता दें कि सोशल मीडिया पर सड़क सीमेंटीकरण के कार्यों की फोटो व वीडियो मुंबईकर साझा कर रहे हैं, जिसमें सड़कें टूटी-फूटी नजर आ रही हैं। इसके बाद लोग आक्रोश में मनपा की किरकिरी कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि हर वर्ष मनपा करोड़ों खर्च करती है, लेकिन असलियत में सड़कों के कार्य में घोटाला हो रहा है।