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महाराष्ट्र में डॉक्टरों के ३,०६४ पद हैं खाली …स्वास्थ्य विभाग के लेखा परीक्षण रिपोर्ट में हुआ खुलासा

सामना संवाददाता / मुंबई
बुनियादी सुविधाओं की कमी और अपर्याप्त बेडों की वजह से पहले से ही वेंटिलेटर पर चल रहे राज्य के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के कुल ३,०६५ पद खाली हैं। इस तरह का चौंकाने वाला खुलासा सार्वजनिक स्वास्थ्य में बुनियादी सुविधाएं व स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन की लेखा परीक्षण रिपोर्ट में हुआ है। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा और औषधि विभाग में कुल ११,३९४ पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में केवल ८,३३० डॉक्टर ही कार्यरत हैं। इसी तरह सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में ७,६७२ डॉक्टरों के पद मंजूर होने के बावजूद सिर्फ ५,९८९ डॉक्टर ही काम कर रहे हैं। वहीं चिकित्सा शिक्षा व औषधि विभाग में ३,७२२ पद स्वीकृत होने के बावजूद २,३४१ डॉक्टर ही सेवारत हैं। मार्च २०२३ तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत ७,५४० अनुबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर, चिकित्सकीय स्वीकृत अधिकारियों के पदों में से ४,७०१ डॉक्टर कार्यरत थे। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले क्षेत्रीय कार्यालयों में अनुसूचित जनजाति के ग्रुप अ से ग्रुप ड तक की श्रेणी के डेढ़ हजार पद खाली पड़े हैं।

राज्य में नहीं है कोई स्वास्थ्य नीति
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति २०१७ के आधार पर हर राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने और मरीजों को उत्तम और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए एक विशिष्ट स्वास्थ्य नीति होना आवश्यक है। लेकिन महाराष्ट्र में अभी तक ऐसी कोई नीति नहीं तैयार की गई है, इस पर रिपोर्ट में उंगली उठाई गई है।
अत्याधुनिक सेवाओं का है अभाव
मरीजों को विभिन्न प्रकार की अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में स्वास्थ्य विभाग विफल रहा है। डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सिंग स्टॉफ और पैरामेडिकल कर्मचारियों की संख्या भी कम पाई गई है।

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