– नई फसल बीमा योजना का देंगे झुनझुना
सामना संवाददाता / मुंबई
एक रुपए की फसल बीमा योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं। इसकी स्पष्ट स्वीकारोक्ति कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कल विधानसभा में दी। उन्होंने यह भी कहा कि अब एक पारदर्शी फसल बीमा योजना लाई जाएगी। कोकाटे ने यह भी स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा राशि न मिलने से उनमें असंतोष पैâला है। अब कोकाटे के नई पारदर्शी फसल बीमा योजना को लेकर लोगों में शंका है कि कहीं ये भी झुनझुना की तरह न हो जाए और फिर भ्रष्टाचार हो जाए।
महायुति के २९३ के तहत रखे गए प्रस्ताव का जवाब देते हुए माणिकराव कोकाटे ने मिलेट बोर्ड की स्थापना की भी घोषणा की, ताकि मोटे अनाजों का उत्पादन और आय बढ़ाई जा सके। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा राशि न मिलने से किसानों में असंतोष है। हालांकि, अगले चार से आठ दिनों में यह राशि किसानों को मिल जाएगी। कोकाटे ने कहा कि एक रुपए की फसल बीमा योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सरकार के ध्यान में आई हैं। योजना की समीक्षा करके एक अद्यतन और पारदर्शी फसल बीमा योजना लाई जाएगी। इसके लिए प्रयास शुरू हो चुके हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, कृषि में पूंजी निवेश न होने के कारण खेती लाभदायक नहीं रही है इसलिए पूंजी निवेश बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और एकनाथ शिंदे के साथ हुई बैठक में ५ हजार करोड़ रुपए की पूंजी निवेश करके किसानों को सुविधाएं देने पर चर्चा हुई है। इसके लिए पॉकेट आधारित योजना लाने पर विचार चल रहा है, जिसमें विदर्भ के कुछ गांवों को भी शामिल किया जाएगा।
इस योजना की ओर
खींचा गया ध्यान
भाजपा के संजय कुटे ने नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना की ओर ध्यान आकर्षित किया, जो किसान आत्महत्या प्रभावित जिलों के लिए लाई गई थी। इसके लिए ४ हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, लेकिन समीक्षा में पता चला कि संभाजीनगर और जालना में सबसे अधिक फंड खर्च हुआ, जबकि विदर्भ में नाममात्र की राशि खर्च की गई। उन्होंने मांग की कि इसकी समीक्षा की जाए और सभी जिलों को समान न्याय मिले।