सामना संवाददाता / मुंबई
भारतीय जनता पार्टी देश में सांप्रदायिकता का जहर फैला रही है, जो भविष्य में देश के लिए घातक साबित होगा। ऐसी चेतावनी देते हुए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल देश के सभी धर्मों के नागरिकों से अपील की कि अभी वक्त है, जागो… जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर इस जहर को पैâलाने वालों को ही अब बाहर का रास्ता दिखाना होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि एक ओर जनता को तनावपूर्ण जीवन जीने के लिए मजबूर किया जाता है और दूसरी ओर वक्फ विधेयक के बहाने कीमती जमीनें कब्जा कर अपने मित्रों को दिए जाने की साजिश हो रही है। इस नीति का शिवसेना कड़ा विरोध करती है।
कल ‘मातोश्री’ निवास पर उद्धव ठाकरे के हाथों शिवसेना की नई शाखा शिवसंचार सेना का उद्घाटन हुआ। इस मौके पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए भाजपा का स्थापना दिवस, वक्फ विधेयक और माणिकराव कोकाटे जैसे मुद्दों पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीखा प्रहार किया।
प्रभु श्रीराम की तरह आचरण करो
जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या वे भाजपा को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देंगे, तो उद्धव ठाकरे ने व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा का स्थापना दिवस तिथि के अनुसार है या तारीख के अनुसार… या फिर जैसे सुविधा हो वैसे? पहले ये तय करें, फिर मैं शुभकामनाएं दूंगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर रामनवमी ही भाजपा का स्थापना दिवस है, तो फिर प्रभु श्रीराम की तरह आचरण करने की कोशिश करो। जैसे उनका राज्य था, उनका चरित्र था, वैसे ही उनके रास्ते पर चलकर भाजपा को काम करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि भाजपा के साथ २७ वर्षों की मित्रता को क्या शिवसेना वनवास माने? अपने वादे से मुकर जाने वाली भाजपा को प्रभु श्रीराम का नाम लेने का अधिकार नहीं है।
अब ईसाई संस्थानों की जमीनों पर भाजपा की नजर
‘ऑर्गनाइजर’ पत्रिका के एक लेख का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे ने बताया कि भाजपा अब कैथोलिक चर्च और उनसे जुड़ी संस्थाओं की करीब ७ करोड़ हेक्टेयर जमीन की तरफ बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का छिपा हुआ एजेंडा अब उजागर हो गया है। इस विधेयक से भाजपा को हिंदुओं से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि मुस्लिमों की जमीनें लेकर वह अपने खास दोस्तों को सौंपना चाहती है। पहले वक्फ की जमीनें, फिर ईसाई संस्थानों की जमीनें और धीरे-धीरे बौद्ध, सिख, जैन समुदाय की संपत्तियां और अंत में हिंदू देवस्थानों की जमीनों तक उनकी नजर पहुंचेगी।