अमिताभ श्रीवास्तव
ऊंची शख्सियत वालों के बच्चों का दर्द कौन समझेगा? वो कितने असुरक्षित होते हैं, इसे समझ पाना सरल नहीं होता। यह तो तब पता चलता है जब वो खुद अपनी असुरक्षा को उजागर करते हैं। अब देखिए न, बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर शख्सियतों में शामिल हैं। उनकी बेटी फीबी गेट्स ने जब अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर खुलासा किया तो वह दर्द भी सामने आया, जिसे उसने भोगा है। फीबी गेट्स ने एलेक्स कूपर के अनवेल नेटवर्क की ओर से प्रोड्यूस किए गए पॉडकास्ट ‘द बर्नआउट्स’ में अपनी कोहोस्ट और स्टैनफोर्ड में अपनी पूर्व रूममेट सोफिया किआनी के साथ अपने नए पैâशन बिजनेस ‘फिया’ को लेकर बातचीत की तो उन्होंने कहा, ‘इस फिल्म को करते समय मैं बेहद घबरा रही थी। क्या यह सब बोलना चाहिए?’ उन्होंने कहा, ‘मेरे अंदर बेहद इनसिक्योरिटी थी और खुद को साबित करने की इच्छा थी। मुझे लगता है, मेरे पास बहुत विशेषाधिकार हैं। मैं एक नेपो बेबी हूं। मुझे इस बारे में बेहद इनसिक्योरिटी थी।’ फीबी बिल और मेलिंडा गेट्स की सबसे छोटी बेटी हैं। वह साल २०२४ में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुई थीं। वहां उन्होंने मानव जीव विज्ञान में डिग्री हासिल की और अप्रâीकन स्टडीज की पढ़ाई की। बिल गेट्स की बेटी होने के साथ ही फीबी कई मुद्दों पर खुलकर अपने विचार भी रखती हैं। इसके अलावा पैâशन में भी उनकी रुचि देखने को मिलती है। फिलहाल, वो अर्थर रोनाल्ड को डेट कर रहीं हैं।
क्या अस्पताल में भूत है?
वैसे तो अस्पताल में एक तरह का खौफ छाया ही रहता है, मगर ऐसा खौफ नहीं होता कि वहां की नर्सें भाग खड़ी हों। इसे संयोग कह लें या भुतहा अस्पताल कह लें या फिर और कुछ भी कह लें, किंतु जो हुआ वह निश्चित ही एक डर पैदा करने जैसा है। अमेरिका के मैसाचुसेट्स में न्यूटन शहर के मास जनरल ब्रिघम न्यूटन-वेल्सली अस्पताल में एक अजीब घटना हुई है। यहां पांचवीं मंजिल के फीमेल वॉर्ड में काम करनेवाली पांच नर्सों को ब्रेन ट्यूमर हो गया। ये ट्यूमर खतरनाक नहीं हैं, लेकिन लोगों को डर है कि शायद अस्पताल में कोई पर्यावरणीय खतरा हो। इसके अलावा, छह अन्य कर्मचारियों ने भी स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से बात की है, लेकिन यह साफ नहीं है कि बाकी की समस्याएं कितनी गंभीर हैं। अस्पताल प्रशासन ने कहा, ‘जब हमें पता चला कि एक ही जगह पर काम करनेवाले या पहले काम कर चुके लोगों को ब्रेन ट्यूमर हुआ है, तो हमने जांच शुरू की। यह जांच ऑक्यूपेशनल हेल्थ एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट, न्यूटन-वेल्सली सेफ्टी ऑफिसर, रेडिएशन और दवा सुरक्षा कार्यालयों और बाहर के पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ मिलकर की गई। हर कर्मचारी को अपनी सेहत के बारे में बताने का मौका दिया गया। उनकी मेडिकल हिस्ट्री और जोखिमों को देखा गया। अस्पताल के उस हिस्से की पूरी जांच की गई। जांच में कोई पर्यावरणीय खतरा नहीं मिला, जो ब्रेन ट्यूमर से जुड़ा हो।’ अस्पताल ने इसे महज एक अजीब संयोग बताया है। लेकिन मैसाचुसेट्स नर्सेस एसोसिएशन को अस्पताल की जांच पर भरोसा नहीं है। हालांकि, अस्पताल का कहना है कि कर्मचारियों की भलाई उनकी पहली प्राथमिकता है और वे जल्द ही एक और बैठक करेंगे, जिसमें इस बारे में बात होगी कि ऐसा क्यों हुआ।