फिरोज खान / मुंबई
मुंबई में आए दिन लूट और डकैती के मकसद से बुजुर्गों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। दिन-दहाड़े घर में घुसकर इन्हें निशाना बनाया जा रहा है। पिछले दो महीने में ६ से ज्यादा सीनियर सिटीजन्स की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। गृह मंत्रालय की सुस्ती और पुलिस की लापरवाही के चलते बुजुर्गों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। डर का आलम यह है कि सीनियर सिटीजन को घर में अकेले छोड़ने को लेकर घरवाले हर वक्त चिंता में रहते हैं।
शुक्रवार को कल्याण (पश्चिम) में ६० वर्षीय बुजुर्ग महिला को दिन-दहाड़े घर में घुसकर दर्दनाक तरीके से कत्ल कर दिया गया। महिला घर में अकेले थी, तभी आरोपी वहां पंहुचा और जबरन घर में घुस गया और घर में चल रहे टीवी का वाल्युम तेज कर दिया ताकि महिला के चिल्लाने की आवाज बाहर न जा सके। आरोपी ने बुजुर्ग महिला रंजना चंद्रकांत पारकर की गला रेतकर हत्या कर दी और महीला के सारे जेवरात लूटकर फरार हो गया। शहर में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। इसका सबूत यह है कि जिस आरोपी ने वृद्ध महिला कि हत्या की है। वह हाल ही में मर्डर के इल्जाम में सजा काटकर आया था। जेल से बाहर आते ही लूट के मकसद से एक और हत्या कर दी। २१ मार्च को ठाणे में ७० वर्षीय महिला घर में अकेले थी, उसी वक्त एक शख्स तेज हथियार लेकर घर में घुस जाता है और महिला का मुंह दबाकर उसका गला रेत देता है। वृद्ध महिला का दम टूटते ही आरोपी कीमती जेवरात लेकर भाग निकला।
घर में घुसकर महिला का कत्ल
१० फरवरी के दिन बांद्रा पश्चिम स्थित कंचन को-ऑपरेटिव सोसायटी में रहनेवाली ६४ वर्षीय बुजुर्ग महिला की लाश मिली थी। महिला के शरीर पर तेज हथियार से हमला किया गया था। पुलिस जांच में पता चला कि चोरी के इरादे से घर में घुसकर महिला का कत्ल कर दिया गया। सायन स्थित प्रतिक्षा नगर बस डिपो के निकट ६९ साल के व्यक्ति की हत्या कर दी गई। इसके अलावा साइबर ठग भी बुजुर्गों को टार्गेट कर उनकी जीवनभर की कमाई पर डाका डाल रहे हैं, बावजूद इसके इनकी सुरक्षा को लेकर सरकार किसी भी तरह का कोई कदम नहीं उठा रही है।