द्रुप्ति झा
केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में २-२ रुपए की वृद्धि की है। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी १३ रुपए प्रतिलीटर और डीजल पर १० रुपए प्रतिलीटर हो गई है। इससे पेट्रोल और डीजल के रिटेल प्राइस में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। हालांकि, पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा है कि ऑयल मार्वेâटिंग कंपनियां इस बढ़ोतरी के बोझ को ग्राहकों पर नहीं डालेंगी। लेकिन इस तरह के झूठे वादे सरकार पहले भी जनता से कई बार कर चुकी है। इसके बाद भी महंगाई की मार आम जनता को झेलनी पड़ी है।
बता दें कि यह पैâसला ग्लोबल स्तर पर तेल की कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव और ट्रंप की टैरिफ के कारण लिया गया है, जिसका असर पेट्रोल-डीजल के दामों पर पड़ेगा। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते ही रोजमर्रा की चीजें जैसे फल, सब्जी, राशन और दूध की कीमतें भी बढ़ जाएंगी। इससे लोगों के महीने का बजट बिगड़ जाएगा।
जुमला निकला मोदी का वादा
सन २०१४ में जब नरेंद्र मोदी केंद्र में सत्ता पाने के लिए बेचैन थे तब उन्होंने जनता को एक जुमला दिया था, ‘बहुत हुई जनता पर पेट्रोल-डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार’। सरकार बने ११ साल बीत चुके हैं और मोदी अपने वादे को भूल गए हैं। अब भी महंगाई की मार दोगुनी से ज्यादा पड़ रही है। २०१४ में मोदी सरकार आने से पहले पेट्रोल की कीमत ७१ रुपए प्रतिलीटर थी और अब मुंबई में इसकी कीमत १०३ रुपए है। खास बात यह है कि २०१४ में कच्चे तेल की कीमत १०६ डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि अब ७४.६९ डॉलर प्रति बैरल है। कच्चा तेल सस्ता होने के बाद भी देश की जनता को डीजल-पेट्रोल के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है। यह मोदी सरकार की नाकामी है।
फरवरी २०१५ में पेट्रोल के दाम थोड़े से कम हुए थे, इस पर मोदी ने अतिउत्साह में दिल्ली चुनावों से पहले एक रैली में कहा था कि अगर नसीब के कारण पेट्रोल-डीजल के दाम कम होते हैं तो बदनसीब को लाने की क्या जरूरत है तो क्या अब मोदी का नसीब काम नहीं कर रहा है? महंगाई को मुद्दा बनाकर सत्ता हासिल करने वाली बीजेपी आज तक जनता को इस मुश्किल से निजात नहीं दिला पाई है। जब इस संवाददाता ने ग्राउंड पर जाकर महंगाई से परेशान आम जनता की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की तो लोगों ने अलग-अलग विचार व्यक्त किए।
२०१४ और २०२५ में महंगाई की स्थिति
२०१४ में क्रूड ऑयल १०६ डॉलर प्रति बैरल था, लेकिन पेट्रोल ७१ रुपए प्रतिलीटर था। मई २०१४ में जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने तब कच्चे तेल की कीमत १०६.८५ डॉलर प्रति बैरल थी। पेट्रोल ७१.४१ रुपए और डीजल ५६.७१ रुपए लीटर बिक रहा था। वहीं अब ३१ मार्च २०२५ को क्रूड ऑयल की कीमत ७४.६९ अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि डब्ल्यूटीआई ऑयल की कीमत ७१.४८ अमेरिकी डॉलर और ओपेक बास्केट की कीमत ७६.८९ अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी। वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत १०३.५० रुपए है और डीजल ९०.०३ रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।
आखिर कब आएंगे अच्छे दिन
सरकार ने कहा था कि अच्छे दिन आएंगे लेकिन अभी तक अच्छे दिन नहीं आए। हाल ही में रसोई गैस के दामों में वृद्धि हुई है, जिससे आम लोगों का बजट प्रभावित हुआ है। सरकार ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सब्सिडी देने की बात कही है, लेकिन यह सब्सिडी महंगाई के असर को पूरी तरह से कम नहीं कर पाती।
-सोनू, बैंक कर्मचारी
मिडिल क्लास की जेब हो जाती है खाली
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम से हम मिडिल क्लास लोगों की जेब खाली हो रही है। भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार को पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स को कम करना चाहिए। ब़ढ़े दाम सीधे हमारे घर में लगने वाली सभी जरूरत की चीजों पर असर डालते हैं।
-साईनाथ देवघरकर, प्राइवेट सेक्टर में कर्मचारी
घर का बिगड़ा बजट
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम की वजह से देश में सब परेशान हैं। सरकार को इस पर जरूर विचार करना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से हमारे घर का बजट बिगड़ रहा है। -संगीता, हाउस वाइफ
आमदनी कम और खर्च ज्यादा
महंगे सामान खरीदना हमारी मजबूरी है। आखिर हम कर ही क्या सकते हैं। सरकार ने महंगाई इतनी बढ़ा दी है कि उसका असर सिर्फ पेट्रोल-डीजल पर ही नहीं बल्कि हर चीज पर पड़ रहा है। चाहे गैस का दाम हो या दूध, फल व सब्जी हो, सब महंगी हो गई है। हमारी आमदनी कम और खर्च ज्यादा है।
-दिनेश मिश्रा, टेंपो चालक
स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा बुरा असर
महंगाई की मार व पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का असर आज के दौर में केवल जेब पर ही नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। खासकर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की रोजमर्रा की जिंदगी को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है।
-सुमन टिबरेवाला, लेखिका और डाइटीशियन
महंगाई रोके सरकार
आज जो पेट्रोल और डीजल की कीमतें हैं, उसकी वजह से मध्यमवर्गीय परिवार को गाड़ी खरीदने के लिए सोचना पड़ रहा है। सरकार द्वारा इस पर सोचने की जरूरत है और अगर सरकार टैक्स में कमी करती है तो कहांr न कहीं प्ोट्रोल और डीजल सस्ता हो जाएगा और होना भी चाहिए। -सतीश, समाजसेवक
रोज-रोज की महंगाई से परेशान
हमारे घर में तीन लोग रहते हैं और कमाने वाला सिर्फ हमारा बेटा है। इस महंगाई की वजह से बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद यदि पेट्रोल-डीजल का दाम बढ़ा तो उसका सीधा प्रभाव हमारे किचन पर पड़ेगा। घर में इनकम कम है, खर्च ज्यादा है। रोज-रोज की महंगाई से हम परेशान हो चुके हैं।
-नीला सावंत, पापड़ व्यवसायी