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वित्त विभाग का विभागाध्यक्षों को फरमान …दिसंबर तक ५०% राशि को करो खर्च 

मार्च में बड़े खर्च से बचने की सलाह
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य सरकार पिछले कुछ वर्षों से फरवरी और मार्च में बड़ी मात्रा में धनराशि खर्च करती रही है। वित्त विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किया है कि चालू वित्त वर्ष के दिसंबर के अंत तक बजट आवंटन का ५० प्रतिशत खर्च किया जाना चाहिए, क्योंकि बार-बार याद दिलाने के बावजूद वित्त वर्ष के अंत में बड़ी मात्रा में व्यय हो रहा है।
वित्त विभाग ने वित्तीय वर्ष २०२५-२६ में व्यय के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कुल बजटीय प्रावधान का ६० प्रतिशत अप्रैल से दिसंबर तक के नौ महीने की अवधि के दौरान वितरित किया जाएगा। १०० प्रतिशत राशि केंद्र प्रायोजित योजनाओं, १५वें वित्त आयोग के प्रावधानों, नाबार्ड या अन्य संगठनों की योजनाओं के लिए वितरित की जाएगी। सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि मार्च में अत्यधिक व्यय न हो, इसके लिए वे सावधानी बरतें। इसके अलावा, दिसंबर के अंत तक ५० प्रतिशत व्यय सीमा निर्धारित की गई है। यदि ५० प्रतिशत से कम व्यय किया जाता है तो संशोधित अनुमान पत्र में उन विभागों के प्रावधानों में कटौती की चेतावनी दी जाती है। विभिन्न विभागों से बची हुई धनराशि को संबंधित विभागों के निगमों को हस्तांतरित कर दिया जाता है तथा उसे व्यय के रूप में दर्शाया जाता है। वित्त विभाग ने कहा है कि यह एक तरह की अनियमितता है। विभिन्न विभागों को सब्सिडी वितरित की जाती है। हालांकि, यह भी निर्देश दिए गए हैं कि पिछले वित्तीय वर्ष की अनुदान राशि के उपयोग का प्रमाण-पत्र पेश किए बिना कोई नई धनराशि वितरित नहीं की जानी चाहिए।

 

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