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बिना अधिकार के झुनझुना बजा रहे राज्यमंत्री! … विभाग तो मिला लेकिन अधिकार नाममात्र का

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में छह राज्यमंत्री हैं। प्रत्येक के पास छह विभाग हैं, परंतु उन्हें अधिकार वैâबिनेट मंत्रियों ने दिए ही नहीं हैं। इसलिए राज्यमंत्री का पद केवल शोभा के लिए है। ऐसी भावना राज्यमंत्रियों के कार्यालय में व्यक्त की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, राज्यमंत्रियों का सम्मान रखा जाएगा, ऐसी पद्धति से उनको अधिकार प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निर्देश दिया था। अगर वैâबिनेट मंत्री ने अधिकार नहीं दिया तो हम अधिकार देंगे, ऐसा उन्होंने अपने निर्देश में कहा था। इसके बाद कुछ वैâबिनेट मंत्रियों ने राज्यमंत्री को क्या अधिकार दिए है, इसका परिपत्र जारी किए थे, लेकिन यह अधिकार नाममात्र थे, ऐसा स्पष्ट हुआ। इसके पहले जिस विभाग के राज्यमंत्री होते थे। उनको अधिकार अधिक दिया जाता था। वह पद्धति इस बार लागू नहीं होती हुई दिखाई दे रही है। बताया जाता है कि वैâबिनेट मंत्री ने राज्यमंत्रियों को जो अधिकार दिए हैं, उस विषय पर निर्णय लेने के लिए फाइल पर हस्ताक्षर करने के अधिकार नहीं दिए हैं, ऐसे आदेश निकाले हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री से शिकायत करने की जानकारी सूत्रों ने दी है।
नीतिगत निर्णयों में स्थान नहीं
नीतिगत निर्णयों के संबंध में कोई जानकारी राज्यमंत्री को नहीं दी जाती है। इस संबंधी फाइल का प्रवास राज्यमंत्री, वैâबिनेट मंत्री के बाद मुख्यमंत्री ऐसा नीतिगत निर्णय में राज्यमंत्री का स्थान नहीं है। इस बार छह मंत्री पूरी तरह से अध्ययनशील होने के कारण रुचि लेकर काम तो कर रहे हैं, लेकिन अधिकार नहीं है, ऐसी उनकी भावना है।

इन विभागों में राज्यमंत्री नहीं
जलसंपदा, पशुसंवर्धन, उत्पादन शुल्क, उद्योग, कौशल्य विकास, सूचना तकनीकी ज्ञान, सांस्कृतिक कार्य, वन, पर्यावरण, मत्स्य व्यवसाय, क्रीड़ा, ओबीसी कल्याण।

ये हैं छह राज्यमंत्री
आशिष जायसवाल, योगेश कदम, पंकज भोयर, इंद्रनील नाईक, मेघना बोर्डीकर, माधुरी मिसाल, यह छह राज्यमंत्री हैं।

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