सामना संवाददाता / दमोह
मध्य प्रदेश के दमोह जिले में मिशनरी अस्पताल में प्रैक्टिस करनेवाले एक ‘फर्जी’ हृदय रोग विशेषज्ञ के बाद अब जबलपुर से भी एक फर्जी डॉक्टर का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि आरोपी डॉक्टर बीजेपी जिला चिकित्सा प्रकोष्ठ का सह-संयोजक भी है। शिकायत के अनुसार, वह फर्जी आयुष डिग्री के आधार पर यहां एक सरकारी अस्पताल में काम करता था। फिलहाल, जबलपुर जिले की एक अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने फर्जी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज जांच शुरू कर दी है।
प्रदेश में एक सप्ताह के भीतर दो फर्जी डॉक्टरों के मिलने से हड़कंप मच गया है। दमोह के फर्जी डॉक्टर मामले में एक और खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि १५ लोगों के हार्ट की सर्जरी करनेवाले डॉक्टर ने २००६ में एक निजी अस्पताल में छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की सर्जरी भी की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इसका दावा उनके बेटे ने किया है। जानकारी के अनुसार, कोटा विधानसभा क्षेत्र से तत्कालीन कांग्रेस विधायक शुक्ला की २० अगस्त, २००६ को यहां अपोलो अस्पताल में मौत हो गई थी। उन्होंने २००० से २००३ तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। शुक्ला के सबसे छोटे बेटे प्रदीप शुक्ला (६२) ने कहा कि फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव २००६ में अपोलो अस्पताल में सेवा दे रहे थे, जब उनके पिता वहां भर्ती थे। प्रदीप शुक्ला ने दावा किया कि यादव ने मेरे पिता के दिल की सर्जरी का सुझाव दिया और उसे अंजाम दिया। इसके बाद उन्हें २० अगस्त, २००६ को मृत घोषित किए जाने से पहले करीब १८ दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया। यादव ने एक-दो महीने पहले ही अपोलो में दाखिला लिया था। अपोलो अस्पताल ने उन्हें मध्य भारत के सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में पेश किया था।
सर्जरी से कई मौतों के बाद ट्रांसफर
बाद में हमें दूसरों से पता चला कि यादव के पास डॉक्टर की डिग्री नहीं थी और वह एक धोखेबाज था। यहां तक कि उसके खिलाफ पहले भी शिकायतें की गई थीं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिलासपुर इकाई ने उनकी जांच की थी। मेरे पिता की मृत्यु के बाद यादव द्वारा इलाज किए गए मरीजों की मौत के कुछ और मामले सामने आए, जिसके बाद उसे अपोलो अस्पताल छोड़ने के लिए कहा गया। फिलहाल, यादव को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है।
फर्जी हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर को ५ दिन की पुलिस हिरासत
फर्जी हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जॉन केम को ५ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने सोमवार को नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन वैâम को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया था। यह मामला दमोह के एक मिशनरी अस्पताल में ७ मरीजों की मौत से जुड़ा है, जहां आरोपी ने फर्जी मेडिकल डिग्री के आधार पर इलाज किया था। दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि रविवार आधी रात को सीएमएचओ एमके जैन की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। हमारी टीम ने प्रयागराज में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया और दमोह लाकर अदालत में पेश किया।