मध्यम वर्ग से हो रही है हजारों करोड़ों की बेनामी वसूली
सामना संवाददाता / मुंबई
सोचिए, जब भी आप हाईवे पर निकलते हैं और टोल प्लाजा पर गाड़ी रोककर टोल चुकाते हैं, तो उस टोल के १००-५० रुपये जोड़-जोड़ कर सरकार को कितनी बड़ी आमदनी होती होगी। जवाब हजारों करोड़ों में है। जी हां, बीते ५ सालों में देशभर के टोल प्लाजों से सरकार को कुल १.९३ लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई है। ताजा आंकड़े खुद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लोकसभा में पेश किए। इन आंकड़ों के मुताबिक, इस समय देश में कुल १,०६३ टोल प्लाजा हैं। इनमें से ४५७ टोल प्लाजा पिछले सिर्फ पांच सालों में बनाए गए हैं।
लोगों को लूटने की है योजना
नियमों को ताक पर रखकर जनता की पॉकेट काटी जा रही है। सरकार की नीयत ठीक नहीं है। जनता को चूना लगाने वाली झूठी मौजूदा सरकार और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बड़े-बड़े खोखले दावों को एक्सपोज करने के लिए ‘दोपहर का सामना’ ने मुहिम चलाई है। अब छिड़ चुकी है जंग, हम जनता के संग। सुहाने सफर के नाम पर जबरन वसूली, नियमों को ताक पर रखकर सीधे-सीधे पॉकेट में सेंध। एक तरफ तो सरकार लोगों की सुविधा के लिए टोल टैक्स में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ नियमों के खिलाफ लोगों से टोल टैक्स वसूला जा रहा है।
हाइवे पर ऊपरी कमाई चालू है
हाईवे पर टोल कलेक्शन से सरकार को अच्छी कमाई हो रही है, खासकर फास्टैग के इस्तेमाल से जो अब तक का सबसे ज्यादा है। एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष २०२४-२५ में, नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे और राज्य हाईवे को मिलाकर फास्टैग के जरिए ७२,००० करोड़ रुपए से ज्यादा की टोल वसूली हुई है, जो अब तक की सबसे ज्यादा कमाई है। जो कि साल २०२३-२४ के ६१,५०० करोड़ के मुकाबले १० प्रतिशत ज्यादा है। सबसे ज्यादा कमाई करने वाला टोल प्लाजा गुजरात के भरथाना में एनएच-४८ पर बनाया गया है।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेशचंद्र राजहंस ने कहा कि फडणवीस और गडकरी ही थे जिन्होंने घोषणा की थी कि वो ‘टोल-मुक्त महाराष्ट्र’ बनाएंगे, उसका क्या हुआ? बीजेपी १० साल से महाराष्ट्र को लूट रही है। ये लोग खुलेआम मुंबई और महाराष्ट्र को लूट रहे हैं या भ्रष्ट सरकार अपने बिल्डर और ठेकेदार मित्रों के लाभ के लिए ये सब कर रही। महाराष्ट्र में कई जगहों पर देखा गया है कि लोग खराब सड़कों के कारण अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं।