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मानसून से पहले नालों की सफाई में लापरवाही…चेंबूर, गोवंडी और मानखुर्द के नागरिकों में बढ़ती जलजमाव की चिंता

सगीर अंसारी / मुंबई

मानसून का मौसम नजदीक आने के बावजूद चेंबूर, गोवंडी, कुर्ला तिलक नगर और मानखुर्द इलाकों के कई बड़े नालो के सफाई का काम अभी तक शुरू नहीं किया है, जिससे नागरिकों में चिंता बढ़ रही है।
हर वर्ष मानसून से पहले नाले की सफाई का काम शत-प्रतिशत पूरा करने नगर पालिका के दावों के बावजूद जल जमाओ की स्थिति बन जाती है खासकर झोपड़पट्टी छेत्रो से गुजरने वाले नालो की सफाई ठेकेदारों व मनपा के एस डब्लू डी पूर्व उपनगर के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कागजों पर तो शत प्रतिशत होती है, लेकिन हकीकत में हालात कुछ और ही होते है और अभी की बात करें तो चेंबूर, गोवंडी और मानखुर्द छेत्रो में कई नालों की स्थिति अभी भी जैसी की वैसी ही है। मानखुर्द में लल्लूभाई महाडा कॉलोनी से साठे नगर नाला, एसएमएस कंपनी नाला, पीएमजी कॉलोनी नाला, डॉ. जाकिर हुसैन नाला कचरे से भरा हुआ है।
गोवंडी शिवाजी नगर क्षेत्र में आदर्श नगर नाला बैगन वाडी पुराने डिपो से शुरू होकर रफीक नगर तक वॉर्ड क्रमांक 138, 134, 136 से होकर गुजरता है। इस नाले के बीच के हिस्से की कई साल से सफाई नहीं हुई है। नाले में अभी भी बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा और गाद जमा है। विक्रोली क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी अनवर शेख के अनुसार, मनपा द्वारा नियुक्त ठेकेदार के माध्यम से नालो की सफाई कराती है, लेकिन सफाई के दौरान नगर पालिका को ध्यान देने की आवश्यकता होती है। मनपा अधिकारयो द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण नाले की समुचित सफाई न होने के कारण क्षेत्र में भारी मात्रा में दुर्गंध तथा महामारी फैलने लगी है। नागरिक लगातार महामारी, बदबू और नगरपालिका की उपेक्षा के कारण पीड़ित हैं। नागरिकों को डर है कि यदि मानसून से पहले समुचित सफाई नहीं की गई तो बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। हालांकि, नागरिकों ने इस बात पर खेद व्यक्त किया है कि मनपा अधिकारियो व ठेकेदार की साठगाठ के चलते अधिकारी पूरी तरह से अनदेखी करते हैं, जिसका नतीजा यह होता है कि नालों से कचरा निकालकर नाले के किनारे छोड़ दिया जाता है, जो कुछ दिनों में वापस नालो में चला जाता है। नागरिकों ने मांग की है कि ऐसे लापरवाही करने व अपने काम में भ्रष्टाचार करने वाले ठेकेदारों को काली सूची में डाला जाए तथा उनका भुगतान रोका जाए।

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