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महायुति के राज में रानी बाग का क्रेज हुआ कम! … पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के भायखला में स्थित रानीबाग का क्रेज अब कम होता नजर आ रहा है। महायुति सरकार के राज में पिछले तीन वर्षों में सबसे कम भीड़ दर्ज की गई है। रानी बाग में चल रहे लंबे समय से सुधार कार्यों के कारण हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में पर्यटकों की संख्या में लगभग २१ प्रतिशत की गिरावट आई।
मनपा द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष २०२३-२४ में चिड़ियाघर में २८.९७ लाख लोग आए थे, जबकि २०२४-२५ में यह संख्या घटकर २३.५७ लाख रह गई। इसी अवधि में रानी बाग की आय भी ११.४६ करोड़ रुपए से घटकर ९.१८ करोड़ रुपए रह गई। रिकॉर्ड के अनुसार, नवंबर महीने में सबसे ज्यादा ३,३३,००० लोग आए, जिससे १.२५ करोड़ की आय हुई। इसके बाद मई में ३,१७,००० लोग आए। ये दोनों महीने में स्कूलों की छुट्टियां रहती हैं। शायद इसी वजह से पर्यटक की संख्या बढ़ी है। यह लगातार दूसरा वर्ष था, जब भायखला स्थित रानीबाग में पर्यटकों की संख्या में गिरावट देखी गई। वर्ष २०२२-२३ में लगभग ३० लाख लोगों ने रानीबाग का दौरा किया था, जिससे ११.५९ करोड़ रुपए की आय हुई थी।
कुछ भी नया नहीं
मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों ने रानीबाग में कुछ भी नया नहीं होने को इस गिरावट का कारण बताया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘लोग हमेशा कुछ नया देखने की उम्मीद रखते हैं। पिछले वर्ष कोई नया आकर्षण न होने की वजह से पर्यटकों की संख्या में थोड़ी गिरावट हो सकती है। उससे पहले के वर्ष में हमने मगरमच्छ और घड़ियाल जैसे नए प्रदर्शनों की शुरुआत की थी, जिससे अच्छी भीड़ आई थी।’
एक्सचेंज में रुचि नहीं
रानीबाग में प्रशासन २०२२ से एशियाई शेरों की एक जोड़ी लाने का प्रयास कर रहा है। गत दिसंबर में उन्होंने गुजरात के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर जूनागढ़ या राजकोट के चिड़ियाघरों से शेरों के स्थानांतरण का अनुरोध किया था। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि अभी तक गुजरात से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। एक अधिकारी ने कहा, ‘चिड़ियाघर में नए जानवर एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लाए जाते हैं, लेकिन फिलहाल हमारे पास पेंग्विन को छोड़कर कोई जानवर एक्सचेंज के लिए उपलब्ध नहीं है। दुर्भाग्य से, पेंग्विन के रखरखाव और संचालन की लागत बहुत अधिक होती है, इसलिए कोई भी इस एक्सचेंज में रुचि नहीं दिखा रहा है।’

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