सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में अधिकारियों के स्थानांतरण को लेकर सबसे अधिक सिफारिश शिंदे गुट और दादा गुट के विधायक द्वारा की जाती है। सूत्रों के मुताबिक, शिंदे गुट के विधायकों द्वारा कई प्रकार के गैरकानूनी काम के लिए दबाव अधिकारियों पर डाला जाता है। इस बात की शिकायत अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भी की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने एक-एक करके शिंदे गुट के मनमानीपूर्ण काम पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया है। अब भाजपा नेता व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राजस्व अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि विधायकों की सिफारिश या मंत्रालय में आकर कोई भी तबादला नहीं किया जाएगा, बल्कि योग्यता के आधार पर ही तबादला किया जाएगा। बावनकुले ने मंत्रालय से वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिए राज्य के उपविभागीय अधिकारियों, प्रांतीय अधिकारियों और तहसीलदारों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं। सभी की गोपनीय रिपोर्ट देखने के बाद मानदंड ए, बी और सी निर्धारित किए गए हैं। आपके स्थानांतरण के मानदंड जनसंपर्क, कार्य और पूर्ण की गई सुनवाई पर आधारित होंगे। बावनकुले ने स्पष्ट किया कि वे राजनीतिक दबाव के आगे नहीं झुकेंगे। बावनकुले का संकेत शिंदे गुट और दादा गुट के विधायकों द्वारा डाले जा रहे दबाव को लेकर था। सरकार रेत नीति को बेहतर तरीके से लागू करने की योजना बना रही है। बावनकुले ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को लाभ और सुविधाएं मिलनी चाहिए और इस संबंध में वे किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक अधिकारी को जनता के लिए अपने कार्यालय में आने का समय निर्धारित करना चाहिए तथा कार्यालय के सामने एक बोर्ड लगाना चाहिए।