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दिवालिया सरकार का नया दांव … बच्चों के भोजन से तेल की कटौती करके भरेगी तिजोरी!

पोषण आहार से १० फीसदी कटौती करके रु. १,५०० करोड़ बचाने का जुगाड़
सुनील ओसवाल / मुंबई
राज्य की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। अब यह दिवालिया सरकार अपनी तिजोरी भरने के लिए एक नया दांव चल रही है। वह बच्चों के पोषण आहार में छिछोरी कटौती करने वाली है। महाराष्ट्र की स्थानीय स्वराज संस्थाओं और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को दिए जाने वाले पोषण आहार में तेल के उपयोग को १० प्रतिशत कम करने का निर्देश शिक्षा विभाग ने दिया है। कहा जा रहा है कि इस १० प्रतिशत तेल की कटौती से १५०० करोड़ रुपए सरकार की तिजोरी में आएंगे।
बता दें कि मुंबई और उसके उपनगरों में करीब १,८४८ स्कूल हैं, जहां पोषण भोजन दिया जाता है। इसके लिए तर्क दिया जा रहा है कि जीवनशैली में बदलाव के कारण छोटे बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने स्कूली भोजन में खाद्य तेल के उपयोग को कम करने के निर्देश जारी किए हैं। इस मामले की जानकारी रखनेवालों का कहना है कि पौष्टिक भोजन में तेल की खपत में १० प्रतिशत की कमी ‘पैसा बचाओ’ अभियान का हिस्सा है, क्योंकि राज्य की तिजोरी खाली है।
बेस्वाद भोजन
राज्य के ८३,६०२ स्थानीय सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को स्कूल भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इस भोजन को पकाने के लिए कुछ ग्राम तेल का उपयोग किया जाता है। अब शिक्षा विभाग ने इसमें भी १० प्रतिशत कटौती का सुझाव दिया है। लोगों का कहना है कि छात्रों का पौष्टिक भोजन पहले से ही बेस्वाद है और अब जब वे कह रहे हैं कि वे खाद्य तेल का उपयोग १० प्रतिशत कम कर देंगे, तो यह अब स्वादिष्ट नहीं रहेगा। संभावना है कि आनेवाले दिनों में सरकार तेल का प्रयोग पूरी तरह से बंद ही कर दे। स्कूल विभाग ने यह कार्य किया है। इसके लिए अभिभावकों की बैठकें आयोजित की जानी चाहिए तथा विद्यार्थियों को आहार के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।

लैंसेट रिपोर्ट का हवाला
केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार ने अपने निर्देश में लैंसेट रिपोर्ट का हवाला दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पांच से १९ वर्ष की आयु के १२.५ मिलियन बच्चे मोटापे से पीड़ित हैं।

पोषण आहार उपलब्ध कराने वाले स्कूल
मुंबई : ५५९, मुंबई उपनगर : १२८९, धुले : १६६४, ठाणे : २०५३, सिंधुदुर्ग : १५७७, रत्नागिरी : २७७०, रायगढ़ : २९८९, पुणे : ५०५२, पालघर : २३४२, नासिक : ४४३७, नंदुरबार : १७६४, कुल ८३,६०२

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