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आगरा जामा मस्जिद में कटा हुआ पशु मिलने पर बवाल…मुस्लिमों का गुस्सा भड़का… सीसीटीवी में दिखे आरोपी को पुलिस ने दबोचा!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

आगरा की जामा मस्जिद में शुक्रवार सुबह जब फजर की नमाज हुई तो मस्जिद में एक बैग मिला, जिसमें कटे हुए पशु का सिर रखा हुआ था। जिसके बाद तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर डीसीपी सिटी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी। जामा मस्जिद के अंदर मिले कटे पशु सीज कर आगे जांच के लिए भेज दिया गया। किसी तरह लोगों को शांत करवा कर पुलिस टीमें घटना की जांच में जुट गयीं।
जुमे का दिन होने के कारण दोपहर में जुमा की नमाज भी अदा होनी थी। इसको देखते हुए मस्जिद के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। संयोग देखिए कि मुस्लिम समाज में एक तरफ जहां वक्फ कानून को लेकर नाराजगी देखने को मिल रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह की घटना से स्थिति तनावपूर्ण बन गई थी। जामा मस्जिद से जुड़े व्यक्ति ने बताया कि माहौल खराब करने के लिए ये सब किया गया है, हमने पुलिस की सूचना दी और पुलिस ने हमे आश्वासन दिया है कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई होगी। आज जुमा का दिन है और बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने आएंगे, पर अब मुसलमान समझदार हो गया है। सीसीटीवी भी खंगाले गए, जिसमें युवक बैग में कटे पशु को लाता हुआ और रखता हुआ नजर आ रहा है। जानवर के पशु के साथ पुलिस को एक पैनकार्ड मिला। उसके आधार पर जांच बड़ी तो पता चला कि सीसीटीवी में दिखने वाला व्यक्ति जिसका पैनकार्ड मिला है उसका बेटा है। पुलिस ने उसे टांग लिया। जब अपनी भाषा मे पूछना शुरू किया तो वह सब उगल दिया। पुलिस के अनुसार पिता और भाइयों को फंसाने के लिये मुस्लिम युवक ने आगरा को दंगों की आग में झोंक दे रहा था। पुलिस की सूझ-बूझ से सीसीटीवी की मदत से सही आरोपी पकड़ लिया गया, जिसके कारण मुहब्बत के प्रतीक ताजमहल का शहर दंगों की आग से झुलसने से बच गया।
शहर की जामा मस्जिद में जानवर का कटा सिर रखने वाला नजरुद्दीन देर रात तक यही कहता रहा कि उसे किसी ने नहीं भेजा था। जब आरोपी मुस्लिम निकला तो पुलिस हैरान रह गई। पुलिस को लगा इंतजामिया कमेटी को लेकर दो गुटों में चल रही तकरार इसकी वजह हो सकती है। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो उसने इस वजह से भी इनकार कर दिया। आरोपी बोला कि उसे तो अपने पिता और भाइयों को फंसाना था। पूरी संपत्ति पर कब्जा करके बैठे हैं। पिता का जूते का कारोबार है। भाइयों के पास कपड़े की दुकानें है।उसके पास कोई काम नहीं है। पिता से रुपये मांगता है। आरोपित की बात सुनकर पुलिस को लगा कि वह झूठ बोल रहा है। पुलिस ने उसके साथ सख्ती की तब भी उसने यही बताया। कहा कि थैले के साथ पिता का पैनकार्ड छोड़ा था। उसे यह नहीं पता था कि पुलिस उसे पकड़ेगी। उसे लगा कि पैनकार्ड देख कर पुलिस पिता को पकड़ लेगी।
पुलिस ने आरोपी के बारे में इलाके में छानबीन की। लोगों ने बताया कि आरोपित का परिवार मूलतः काजीपाड़ा का निवासी है। वर्तमान में काजीपाड़ा वाले घर में एक भाई रहता है। परिवार के अन्य सदस्य शाहगंज के कोलिहाई इलाके में रहते हैं। पिता का जूते का कारखाना अच्छा चलता है। नजरुद्दीन का पूर्व में मानसिक चिकित्सक से इलाज भी चला है। वह रुपयों के लिए कुछ भी कर सकता है। पिता ने पूर्व में उसे पानी का प्लांट खुलवाया था। उसने उसे भी बंद करा दिया। अब उसे किराए की रकम से कुछ खर्चा दिया जाता है। वह पैसे के लिए परेशान रहता है। इधर-उधर भटकता रहता है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखे थे। आरोपी स्कूटर से आया था। स्कूटर भी उसके पिता का था।

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