विक्रम सिंह / सुल्तानपुर
योगी सरकार के दावों पर पानी फेरते हुए यूपी में निजी स्कूलों ने अभिभावकों से बच्चों की किताब, ड्रेस आदि की खरीद फरोख्त में लूट का ‘नंगा नाच’ शुरू कर दिया है। सारे नियम-कानून ताक पर हैं। अफसर चुप हैं। जमकर कमीशनबाजी का खेल स्कूल से दुकानों तक जारी है। फिलहाल, शुक्रवार को पानी सिर से ऊपर जाता दिखा। बड़ी संख्या अभिभावकों का समूह जिलाधिकारी से अपनी पीड़ा बयां करने जा पहुंचा। कांग्रेस ने भी अभिभावकों के पक्ष में निजी स्कूलों की मनमानी के विरोध में मोर्चा खोल दिया। डीएम को ज्ञापन देकर प्रभावी कदम उठाने की मांग की गई।
बता दें, सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है, जिसमें सरकारी स्कूलों से लेकर प्राइवेट स्कूलो में भी एक समान एनसीआरटी की किताबें पढ़ाने के लिए निर्देशित किया है और उनके दाम भी तय हैं, परंतु जनपद सुलतानपुर के प्राइवेट स्कूलों में मनमानी है। सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए वे एनसीआरटी की किताब नहीं चला रहे हैं। कुछ में एक-दो किताबें हैं, बाकी अपने निजी या सम्बन्धित प्रकाशन की किताबें लगाये हुए हैं। जो कि बहुत ही मंहगी हैं और उन्हें लेने के लिए अभिभावकों के ऊपर दबाव डाला जा रहा है। जिससे अभिभावकों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। यह भी सत्य है कि स्कूलों में जिन पाठ्य-पुस्तकों को बदला जाता है, उनमें रसायन शास्त्र , भौतिकी,गणित,अंग्रेजी आदि जैसे मुख्य विषयों में जिनके मूल सिद्धान्त वर्षों से एक जैसे बने हुए है। अभिभावकों ने जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा कि प्रतिवर्ष नई-नई पुस्तकें लगाना समझ से परे है, बल्कि यह अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ भी डालता है।
रसायन, भौतिकी और गणित जैसे विषयों के सिद्धान्त गति के नियम, ज्यामितीय, प्रमेय, आवर्त सारिणी या व्याकरण के नियम दशकों से नहीं बदले है, फिर प्रतिवर्ष नई पुस्तकें क्यों अनिवार्य की जाती हैं? यह स्थिति न केवल आर्थिक बोझ बढ़ा रही है बल्कि संसाधनों के पुनः उपयोग की परम्परा को भी समाप्त कर रही है। पहले बड़े भाई-बहनों या अन्य बच्चों की पुरानी पुस्तकों का उपयोग छोटे बच्चों द्वारा करना सामान्य बात थी, अब यह व्यवस्था संभव नहीं हो पा रही है। इस मौके पर डॉ प्रदीप मिश्रा, वीरेंद्र भार्गव, हिमांशु मालवीय, अमित कुमार, अभिषेक श्रीवास्तव, उमा शंकर, राम शिरोमणि यादव, अनुज प्रताप सिंह, अरविंद कुमार आदि रहे। उधर कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा की अगुवाई में इसी मुद्दे पर सिटी मजिस्ट्रेट विदुषी सिंह को ज्ञापन दिया है, जिसमें शिक्षा के हित में शीघ्र प्रभावकारी कदम उठाने की मांग की गई है।