सामना संवाददाता / मुंबई
१९९३ मुंबई सीरियल ब्लास्ट का आरोपी अबू सालेम की बेचैनी जेल में बढ़ गई है। २५ साल कैद में रहने के बाद जेल से बाहर निकलने के लिए वह छटपटा रहा है। सालेम ने फिर एक बार मुंबई उच्च न्यायालय में अर्जी डालकर कहा है कि सजा के २५ साल पूरे हो चुके हैं, अब उसे रिहा किया जाए।
अबू सालेम की याचिका पर हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के साथ ही केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका पर अब आगामी २९ अप्रैल को सुनवाई होगी।
बता दें कि गैंगस्टर अबू सालेम अभी नासिक केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। सालेम को १९९३ सीरियल ब्लास्ट और बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी, तभी से वह जेल में बंद है।
शर्त के साथ प्रत्यर्पण
पुर्तगाल सरकार ने इसी शर्त पर प्रत्यर्पण की मंजूरी दी थी कि अबू सालेम को २५ साल से ज्यादा की सजा नहीं दी जाएगी और न ही उसे फांसी दी जाएगी। उसी का आधार लेकर अबू सालेम बार-बार मुंबई उच्च न्यायालय में रिहाई की अर्जी डाल रहा है। २५ साल जेल की हवा खाने वाला अबू सालेम १० साल अंडरवर्ल्ड के लिए काम करता रहा। सालेम की उम्र अब ६४ साल हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट का उल्लेख
गैंगस्टर द्वारा दायर याचिका में २०२२ में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और कुछ प्रमुख टिप्पणियों का भी उल्लेख किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सालेम की सजा से संबंधित आदेश में पुर्तगाल सरकार को दिए गए प्रत्यर्पण के आश्वासन का पालन करने का निर्देश दिया था।
२००२ में हुआ था गिरफ्तार
बता दें कि अबू सलेम को साल २००२ में पुर्तगाल में फर्जी कागजात के जरिए देश में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे साल २००५ में प्रत्यर्पित कर हिंदुस्थान लाया गया था।