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मुंबईकर बन रहे हैं ‘गजनी’!..ट्रेन, बस और टैक्सी में सामान भूलने में नंबर वन…‘उबर’ के सर्वे का खुलासा…भागदौड़ की जिंदगी में खो रहे हैं याददाश्त

फिरोज खान / मुंबई

एक फिल्म आई थी ‘गजनी’। उसमें आमिर खान को भूलने की बीमारी थी। अब मुंबईकर भी भूलने की इस भयंकर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। काम का दबाव, भागदौड़ भरी जिंदगी और टेंशन ने यह खतरनाक स्थिति पैदा कर दी है।
हाल ही में ‘उबर’ द्वारा किए गए सर्वे में खुलासा हुआ है कि देशभर में मुंबई शहर अव्वल नंबर पर है, जहां लोगों की स्मरण शक्ति पर बुरा असर पड़ रहा है। लोगों की मेमरी इतनी ज्यादा कमजोर हो गई है कि वे आए दिन टैक्सी, बसों और ट्रेनों में अपना कीमती सामान भी भूल कर चले जा रहे हैं। कितने लोग इस तरह प्रभावित हुए हैं कि पलभर में वे भूल जा रहे हैं कि उन्होंने कौन सा काम करने की सोची थी? न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टरों ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण के चलते शहर में लगभग १० हजार से ज्यादा लोगों में बहरेपन की शिकायत आई है।
कहीं आप अपना चश्मा, ईयरफोन, चाबी, बैग, पर्स तो नहीं भूल रहे?
ऐप के जरिए किराए पर टैक्सी उपलब्ध करवानेवाली कंपनी ‘उबर’ ने देश के पांच शहरों का सर्वे किया है। सर्वे में पाया गया है कि मुंबई के लोग सबसे ज्यादा भुलक्कड़ हो रहे हैं। कंपनी द्वारा बताया गया है कि उनकी टैक्सी में लोग सबसे ज्यादा अपना कीमती सामान भूलकर चले जाते हैं। इसी तरह बसों और लोकल ट्रेनों का भी यही हाल है। चश्मा, एयरफोन, चाबी, बैग, पर्स आदि सामान कमजोर याददाश्त वाले लोग भूल रहे हैं। न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टरों का कहना है कि मुंबईकरों में भूलने की बीमारी की सबसे बड़ी वजह तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी है। डॉक्टर दानिश शेख का कहना है कि मुंबईकरों में याददाश्त खोने की बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि सब कुछ सामान्य होने के बावजूद लोग अपनी स्मरण शक्ति खो रहे हैं।
तनाव है वजह
बॉम्बे अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर निर्मल सूर्या ने बताया कि मुंबईकरों की कमजोर हो रही याददाश्त की सबसे बड़ी वजह है तनाव। उन्होंने बताया कि शहर में भागदौड़ भरी जिंदगी की वजह से लोग समय पर खाना नहीं खा पाते हैं और पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं। यह सबसे बड़ी वजह है।

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