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रेलवे यार्ड के विस्तार कार्य के कारण 150 पुराने पेड़ मरणासन्न…पुनर्रोपण के बाद भी संवर्धन में लापरवाही…सूख गई हरियाली

सामना सवांददाता  / कल्याण

कल्याण-पूर्व में रेलवे यार्ड के विस्तारीकरण और विकास कार्य के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा सैकड़ों पुराने पेड़ों की कटाई की गई थी। कुछ पेड़ों को पूरी तरह काटा गया, जबकि करीब 150 पुराने पेड़ों को स्थानांतरित कर अन्य स्थानों पर पुन: लगाया गया। हालांकि, इन पेड़ों के जीवित रहने और बढ़ने के लिए जो देखरेख और सिंचाई आवश्यक होती है, उसकी घोर अनदेखी की गई। इस लापरवाही के कारण अब ये पेड़ सूखकर मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुके हैं।
ये सभी पुनर्रोपित पेड़ वालधुनी स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस उड्डाणपुल से आगे कल्याण-कर्जत रेलमार्ग के ROB ब्रिज क्षेत्र में लगाए गए थे। गर्मी और धूप के कारण इन पेड़ों को विशेष देखभाल की आवश्यकता थी, परंतु ठेकेदार और संबंधित विभागों द्वारा न तो नियमित पानी दिया गया और न ही सुरक्षा के उपाय किए गए। नतीजतन, हरे-भरे पेड़ अब सूखे और निष्प्राण दिखाई दे रहे हैं, जिससे क्षेत्र की हरियाली पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
इस गंभीर स्थिति को लेकर कई पर्यावरण प्रेमियों ने कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के उद्यान विभाग और वृक्ष प्राधिकरण के मुख्य अधिकारियों का बार-बार ध्यान आकर्षित किया। इसके लिए उन्हें लिखित शिकायतें भी सौंपी गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। रेलवे प्रशासन और ठेकेदार की इस अनदेखी से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है और यदि जल्द ही उपाय नहीं किए गए, तो यह नुकसान स्थायी रूप ले सकता है।

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