गुजरात में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ। राहुल गांधी ने भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के पाखंड पर हमला बोला। सत्र खत्म हुआ और सोनिया गांधी व राहुल गांधी पर मोदी-शाह के बदले की गाज गिर पड़ी। ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में ‘ईडी’ ने सोनिया और राहुल गांधी को संस्था की संपत्ति जब्त करने के सिलसिले में नोटिस जारी किया है। ‘ईडी’ आदि जांच एजेंसियों ने ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ के खिलाफ जांच की एक शृंखला शुरू की थी। राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए बार-बार ‘ईडी’ दफ्तर बुलाया गया। ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार पंडित नेहरू ने शुरू किया था और स्वतंत्रता आंदोलन में ‘हेराल्ड’ का योगदान महान है। जो लोग स्वतंत्रता आंदोलन से नहीं जुड़े हैं, वे ‘हेराल्ड’ के महत्व को नहीं समझेंगे। ‘नेशनल हेराल्ड’ का नाम पंडित नेहरू से जोड़ा जाता है। नेहरू ने स्वतंत्रता आंदोलन के हथियार के रूप में १९३८ में ‘हेराल्ड’ की स्थापना की। १९४२ में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के दौरान ब्रिटिश सरकार ने ‘नेशनल हेराल्ड’ पर प्रतिबंध लगा दिया था। ‘हेराल्ड’ ने अत्यंत प्रभावी शब्दों में ब्रिटिशों पर हमला करने की तकनीक अपनाई। इसमें नेहरू खुद प्रखर लेख लिखते थे। इसीलिए अंग्रेजों ने ‘हेराल्ड’ पर ताला लगा दिया। इसे अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद खोला गया था। २००८ में वित्तीय कारणों से अखबार बंद हो गया। गांधी परिवार ने इसे दोबारा शुरू करने के लिए नया फंड जुटाया। कुछ संपत्तियां नई बनाई गई थीं। राहुल और सोनिया गांधी अखबार के प्रमुख शेयरधारक बन गए। ये सभी लेन-देन फर्जी और
मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम
का उल्लंघन है, ऐसा जांच एजेंसियों का कहना है। फर्जी डोनेशन, फर्जी विज्ञापनों से हुई आय को संपत्ति में निवेश किया गया। यह कृत्य आपराधिक प्रकृति का है और इसलिए ‘नेशनल हेराल्ड’ की जांच कर ६६१ करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। इसमें मुंबई के बांद्रा स्थित ‘हेराल्ड हाउस’, लखनऊ की एक इमारत भी शामिल है। दिल्ली में ‘हेराल्ड हाउस’ पर भी जब्ती का नोटिस जारी किया गया। ‘हेराल्ड’ के खिलाफ जब्ती की कार्रवाई राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। यह महज संयोग नहीं है कि गुजरात में कांग्रेस के अधिवेशन में राहुल गांधी ने मोदी पर तोप दागी और तुरंत ‘हेराल्ड’ पर जब्ती की कार्रवाई कर दी गई। पंडित नेहरू एक स्वतंत्रता सेनानी थे। नेहरू ने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अपनी सैकड़ों करोड़ की संपत्ति देश को समर्पित कर दी। इसमें उनका प्रयागराज स्थित आवास ‘आनंद भवन’ भी है। ‘हेराल्ड’ उनका पसंदीदा अखबार था और उन्होंने इसे देश के लिए बनाया था। ‘हेराल्ड’ को जब्त करके मोदी सरकार को क्या हासिल हुआ? यदि ‘हेराल्ड’ को बचाने में कोई वित्तीय गलतियां हुई होंगी तो उन्हें सुधारने के निर्देश दिए जाने चाहिए थे। जैसे कि यह कई भ्रष्ट लोगों को दिया गया, जो भाजपा की जादुई वाशिंग मशीन में चले गए। यह अजब ही है कि मोदी और शाह ने पंडित नेहरू की संपत्ति तो जब्त कर ली, लेकिन साथ ही देश के दुश्मन दाऊद इब्राहिम, इकबाल मिर्ची की संपत्ति भी मुक्त कर दी। इकबाल मिर्ची जैसे लोगों का देश के निर्माण में क्या योगदान है कि मोदी सरकार ने उनकी संपत्तियों को क्लीन चिट देकर हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर चार चांद लगा दिए? जब प्रफुल्ल पटेल शरद पवार की पार्टी में थे, तो ‘ईडी’ ने इकबाल मिर्ची (मुंबई ब्लास्ट शृंखला में आरोपी और दाऊद इब्राहिम के गुर्गे) के साथ व्यापार कर
संपत्ति अर्जित करने की वजह से कार्रवाई
की थी। पटेल की यह संपत्ति दाऊद से जुड़ी होने की वजह से जब्त कर ली गई। लेकिन प्रफुल्ल पटेल मोदी-शाह के शरणागत हो गए। उन्होंने शरद पवार को ‘धोखा’ देकर मोदी-शाह को खुश किया और तुरंत दाऊद-मिर्ची की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति ‘साफ’ कर मुक्त कर दी गई। यानी मिर्ची लेन-देन को ही क्लीन चिट दे दी गई। दाऊद के गुर्गे इकबाल मिर्ची के वर्ली में १८० करोड़ रुपए के दो फ्लैट भी जब्त कर लिए गए थे क्योंकि उसकी पत्नी के माध्यम से लेन-देन अवैध मनी लॉन्ड्रिंग नियमों के तहत पाया गया। पटेल की पत्नी के मिलेनियम डेवलपर्स के सात फ्लैट भी ईडी ने जब्त कर लिए थे। मिर्ची की ये सभी संपत्तियां सैकड़ों करोड़ की थीं। उसके सामने ‘हेराल्ड’ का टर्नओवर कुछ भी नहीं, लेकिन नेहरू को दोषी ठहराकर दाऊद-मिर्ची को बरी किया गया। ‘नेशनल हेराल्ड’ के खिलाफ कार्रवाई कांग्रेस, गांधी और भाजपा के राजनीतिक विरोधियों के लिए एक चेतावनी है। यह चेतावनी है ‘चुप रहो’। मोदी ने अजीत पवार पर ७० हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले का आरोप लगाया था। उस सिंचाई घोटाले के पैसे से अजीत पवार ने कई तरह की बेनामी संपत्ति बनाई। भाजपा और ईडी का कहना है कि जरंदेश्वर चीनी मिल उनमें से एक है। जैसे ही अजीत पवार ने मोदी-शाह तंबू में प्रवेश किया, भ्रष्ट तरीके से अर्जित की गई सभी संपदाओं (जरंदेश्वर सहित) को केंद्र सरकार ने मुक्त कर दिया। इस देश में इसी तरह की बदले की भावना से भरी और संवेदनहीन राजनीति चल रही है। नेहरू की संपत्ति पर गाज और दाऊद-मिर्ची की संपत्ति को पूरा संरक्षण। देश में क्या चल रहा है?