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मनपा के हिंदमाता और मडकेबुआ टेंडर में बड़ा घोटाला? …विपक्ष नेता अंबादास दानवे ने की आर्थिक अपराध शाखा से जांच की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई

मनपा की हिंदमाता और मडकेबुआ प्रोजेक्ट्स से जुड़े टेंडरों में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से यह मामला उठाते हुए संबंधित अधिकारियों व कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
दानवे के पत्रानुसार मनपा के एसडब्ल्यूडी विभाग द्वारा तैयार किए गए इस टेंडर में महाराष्ट्र नगर पालिका की स्टैंडर्ड बिड डॉक्युमेंट गाइडलाइंस का गंभीर उल्लंघन किया गया है। टेंडर में बोलीदाताओं की पात्रता के लिए पंप की क्षमता को लेकर भी अजीब शर्तें जोड़ी गई हैं, जो कि पारदर्शी और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के खिलाफ हैं। आमतौर पर टेंडर की पात्रता पूरी की गई परियोजनाओं के मूल्य के आधार पर तय की जाती है, न कि पंप की क्षमता के आधार पर।

एक गंभीर आरोप यह भी है कि टेंडर की शर्तों में जानबूझकर 10 वर्षों के अनुभव की अटपटी शर्त जोड़ी गई, जिसमें मैसर्स महालसा जैसी कंपनी को बाहर किया जा सके। आर्थिक अपराध शाखा को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है कि निविदाएं तैयार करते समय बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन कर सरकारी खजाने को वित्तीय नुकसान पहुंचाया गया है। पूरी प्रक्रिया इस निविदा को ज्वाइंट वेंचर की केवल एक कंपनी एआरडब्ल्यू इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को देने के लिए तैयार की गई है। यदि यह योजना सफल रही तो यह टेंडर उसी कंपनी को कम से कम 5% अधिक दर पर दिए जाने की व्यवस्था की गई है। मामले से संबंधित सभी जानकारी विधिमंडल के कामकाज के लिए जल्द उपलब्ध कराई जाए। मनपा की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए इस मामले की गहन जांच और संबंधित दोषी अधिकारियों व गुटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने पहले ही जांच के आदेश दिए हैं लेकिन अब आपराधिक घोटाले का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने इकोनॉमिक ओफ्फेंस विंग से इस मामले में जांच करने की मांग की है।

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