कौशल विकास विभाग ने जारी किए आंकड़े
सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार के राज में महाराष्ट्र में बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है। आलम यह है कि राज्य के कुल २९ लाख युवा रोजगार की तलाश कर रहे हैं। यह चौंकाने वाला आंकड़ा खुद कौशल विकास विभाग की ओर से जारी किया गया है। इससे राज्य में महायुति सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। इसे लेकर विपक्ष महायुति सरकार के खिलाफ आक्रामक दिखाई दे रहा है।
राज्य में कौशल विकास विभाग द्वारा युवाओं को रोजगार और कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए बेरोजगारों का पंजीकरण किया जाता है। इसके अनुसार, फरवरी २०२५ में राज्य के २९ लाख २९ हजार ६४१ बेरोजगार युवाओं ने पंजीकरण कराया है। इसके आंकड़े केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्रालय के नेशनल करियर सर्विस द्वारा हाल ही में जारी किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि नौकरी की तलाश में लगे उम्मीदवारों में उच्च शिक्षित, प्रौद्योगिकी, विभिन्न प्रकार की डिग्री, डिप्लोमा आदि की पढ़ाई करने वाले युवाओं की भरमार है। नौकरी की तलाश में लगे उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक जलगांव में १,७४,२२९ है, जबकि छत्रपति संभाजी नगर में १,५४,४४७, नागपुर में १,५२,५३७ और यवतमाल में १,५२,८५७ युवा नौकरी की तलाश में हैं।
कांग्रेस हुई हमलावर
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने एक्स पर किए गए पोस्ट में कहा है कि पीएम मोदी ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का आश्वासन दिया था। आखिरकार वे नौकरियां कहां हैं। एमपीएससी की परीक्षा में गड़बड़ियां चल रही हैं। पेपर लीक का संकट बरकरार है। राज्य में यदि कहीं नौकरियां निकलती हैं तो कुछ स्थानों के लिए लाखों की संख्या में युवा आवेदन करते हैं। इससे दिखाई दे रहा है कि बेरोजगारी की समस्या ने कितना भयंकर रूप अख्तियार कर लिया है। गंभीरता से देखें तो इन युवाओं को काम देने के बजाय सत्ताधारी इन युवाओं को उकसा कर उनसे कब्रें खुदवा रहे हैं। युवा पीढ़ी का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी रखने वाले सत्ताधीश उनका भविष्य बर्बाद करने पर तुले हैं। युवाओं, इनसे सावधान रहो।