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लोकल के गेट पर खड़े हुए तो लगेगा पत्थर! …पत्थर मार गिरोह हुआ सक्रिय


-ऐरोली और रबाले के बीच
– पत्थर लगने से यात्री की आंख में आई चोट

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में लोकल से यात्रा करने वाले लोग हो जाएं सावधान! यदि आप लोकल के गेट पर सफर कर रहे हैं तो पत्थर लग सकता है। इन दिनों एक पत्थर मार गिरोह सक्रिय हो गया है, जो चलती ट्रेन पर पत्थर मार रहा है। ऐसी ही एक घटना ऐरोली और रबाले रेलवे स्टेशनों के बीच घटी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस घटना में यात्री की दाहिनी आंख के नीचे चोट लगी है। यात्री की शिकायत के बाद इस संबंध में ठाणे रेलवे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। घायल ३५ वर्षीय यात्री कल्याण के लोकग्राम इलाके में रहता है। वह नई मुंबई के घणसोली इलाके में एक कॉल सेंटर में काम करता है।
वह हर दिन घणसोली से ठाणे रेलवे स्टेशन जाता है। इसके बाद वह ठाणे से कल्याण जाता है। वह १२ अप्रैल की रात को काम से निकला था और घणसोली रेलवे स्टेशन से रात ८.२० बजे ठाणे जाने वाली ट्रेन में सवार हुआ था। वह लोकल के दरवाजे के पास ख़ड़ा था। रात ८.३० बजे जब ट्रेन रबाले स्टेशन से रवाना हुई तो बाहर से उस पर पत्थर फेंका गया। पत्थर उसकी दाहिनी आंंख के नीचे लगा। इससे उसकी आंख के नीचे से खून निकलने लगा। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। यात्री को प्राथमिक उपचार दिया गया। घर पहुंचने के बाद यात्री को बेचैनी होने लगी और उसने ठाणे रेलवे पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर ठाणे लोहमार्ग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।

पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं
रेल यात्रा के दौरान यात्रियों के साथ ऐसी कई घटनाएं होती रहती हैं। पूर्व में मध्य रेलवे लाइन पर फाटक गिरोह सक्रिय था। इस गिरोह के सदस्य रेलवे सिग्नल के खंभों पर खड़े रहते थे। अगर ट्रेन के दरवाजे पर खड़े किसी यात्री के हाथ में मोबाइल फोन है तो वह यात्री के हाथ पर वार कर देता था। इससे यात्री के हाथ से मोबाइल नीचे गिर जाता था। इसके बाद वह मोबाइल लेकर भाग जाता था। इन घटनाओं में यात्री गंभीर रूप से घायल हो जाते थे। इसके अलावा, अक्सर ऐसे मामले भी सामने आते थे, जब लोग ट्रेनों के दरवाजों पर खड़े यात्रियों पर पत्थर फेंकते थे। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब पत्थर सिर या शरीर पर लगने से यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। ऐसी घटनाएं रात के अंधेरे में होती हैं। इसलिए यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा खड़ा हो गया है।

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