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बारिश अब तू जल्दी आ

बारिश राजा जल्दी आ,
संग में अपने खुशियां ला।
कनक धूप ने तपा दिया,
हरियाली को छुपा दिया।
बादल तू घनघोर गरज जा,
प्यासी नदियां भर दे राजा।
ताल तलैयों में जल ला,
सबको जीवन तू दे जा।
छोटे हम नन्हे प्राणी,
खेलें हम पानी-पानी।
कागज की नावें तैरा दें,
सौंधी मिट्टी को महका दें।
गुब्बारों ले खूब उड़ाएं,
छत पर झूमे नाचे गाएं।
रैनी डे का मजा उड़ाएं,
छुट्टी का दिन मौज मनाएं।
आज बारिश जल्दी आ,
बूंदों के संग खुशियां ला।
धरती माता को हर्षा दे,
बादल अब तू जल बरसा दे।
रिमझिम बूंदें छन-छन बोले,
खुशियां लेकर नभ से डोले।
पेड़ और पौधे हर्षाए,
पंछी उड़ते पर फैलाए।
मेंढक गाता ताल किनारे,
झीलों में जल के फब्बारे।
बकरी नाच रही बगिया में,
बच्चा कूद रहा मड़ैया में।
इंद्रधनुष देखो मुस्काए,
उसने सातों रंग दिखाए।
बारिश का ये प्यारा मौसम,
ताल मिलाकर गाएं हम तुम।
मां ने पकोड़े गरम बनाए,
सबने चटनी के संग खाए।
भीग गया घर आंगन सारा,
देखो मस्ती भरा नजारा।
बारिश थमी, धूप मुस्काई,
धरती ने हरियाली पाई।
चारों ओर सजी है धरती,
सबके मन में खुशियां भरती।
कमल खिले तालों में प्यारे,
मोर खुशी से नाचे सारे।
खेतों में हरियाली छाई,
और किसानो के मन भायी।
हवा में खुशबू मिट्टी की आई,
जैसे कहानी दादी ने सुनाई।
हर कोना खिल उठा जग का,
शुक्रिया कहे सब बादल पग का।
बच्चे जब भी पढ़ने जाएं,
संग छतरियां भी लहराएं।
गाते जाते खुश हो गाना,
बारिश फिर तुम जल्दी आना।
-डॉ. निशा मिश्रा
मुंबई

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