मुख्यपृष्ठसमाचारवक्फ बोर्ड पर बहस कल तक के लिए टली

वक्फ बोर्ड पर बहस कल तक के लिए टली

सामना संवाददाता / दिल्ली

वक्फ बोर्ड संशोधन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 10 याचिका को सुनवाई के लिए शामिल किया, जिसमें मुंबई के समाजसेवी जमील मर्चेंट की याचिका भी शामिल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ पर संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 17 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।

सीनियर अधिवक्ता राजीव धवन

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। जैसे ही कोर्ट की कार्रवाई शुरू हुई मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने बिना समय गंवाए याचिकाकर्ता जमील मर्चेंट के तरफ से सीनियर अधिवक्ता राजीव धवन को अपनी बात रखने को कहा। राजीव धवन की तरफ से कहा गया कि वक्फ बिल में बदलाव अनुच्छेद 25, 26 का उल्लंघन है, जिसे सरकार बदल नहीं सकती। ऐसे में ये बदलाव पूरी तरह से असंवैधानिक है, जिसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कपिल सिब्बल ने भी अपनी बात रखी। कोर्ट में करीबन दो घंटे की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका कर्ताओं की तरफ से इस पर अंतरिम रोक लगाने की मांग को ये कहते हुए ठुकरा दिया की ये बिल मुस्लिमों के हित के लिए लाया गया है न कि उनके संवैधानिक अधिकार को छीनने के लिए। कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई की अगली तारीख 17 अप्रैल तय की है।

मुंबई के समाजसेवी जमील मर्चेंट

उल्लेखनीय है कि जमील मर्चेंट की याचिका के आलावा लगभग दो दर्जन से अधिक याचिका सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुकी है। एआईएमएएम चीफ असुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव, तमिलनाडु की डीएमके पार्टी, आप के विधायक अमानतुल्लाह सहित दर्जन भर संगठन भी वक्फ बोर्ड संशोधन मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर कर रखी है।

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