राधेश्याम सिंह / वसई
वसई सत्र न्यायालय ने हीरा व्यापारी किरण मकवाना को उसकी प्रेमिका और उसके बेटे की हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह घटना 2015 में नालासोपारा-पूर्व के एवरशाइन में हुई थी। मिली जानकारी के अनुसार, किरण मकवाना (37) हीरा व्यापारी है। वह सोनाली चेंबूरकर (32) नामक महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। सोनाली का बेटा कुणाल भी उसके साथ रहता था। 16 अक्टूबर 2015 को दोनों में झगड़ा हुआ था। उस समय मकवाना ने घर में सोनाली पर हथौड़े और चाकू से हमला किया था। उस समय सोनाली के बेटे कुणाल (18) ने अपनी मां को बचाने के लिए बीच-बचाव किया। हालांकि, मकवाना ने उस पर भी हमला किया। सोनाली और कुणाल की मौत के बाद मकवाना ने अपने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इस मामले में तुलिंज पुलिस स्टेशन में मकवाना के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। तुलिंज पुलिस स्टेशन के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक किरण कबाड़ी ने मामले की जांच की थी और मजबूत सबूत एकत्र किए थे। न्यायालय ने परिस्थितिजन्य सबूत, हत्या के मामले में जब्त चाकू, आरोपी के बयान आदि को स्वीकार किया और किरण मकवाना को दोषी पाया। न्यायालय ने किरण मकवाना को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 10,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने की स्थिति में 6 महीने के साधारण कारावास का प्रस्ताव रखा। पुलिस निरीक्षक कबाड़ी ने संतोष व्यक्त किया कि न्यायालय ने एक गवाह की अनुपस्थिति में एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर यह सजा सुनाई है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी।
आखिर मामला क्या है ?
किरण मकवाना हीरा व्यापारी है। वह 2011 से नालासोपारा-पूर्व के एवरशाइन सिटी स्थित साई सेवा अपार्टमेंट में रह रहा था। उसकी पत्नी उन्हें छोड़कर चली गई थी। उसके दो बच्चे जान्हवी और लक्ष थे। कोर्ट ने इन बच्चों की कस्टडी किरण मकवाना को दी थी। इसी बीच किरण मकवाना का सोनाली चेम्बूकर (32) नामक महिला से प्रेम संबंध हो गया। सोनाली अपने बेटे कुणाल (18) को लेकर मकवाना के साथ रहने लगी थी, लेकिन सोनाली किरण मकवाना के दोनों बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती थी। इस वजह से उनके बच्चे उन्हें छोड़कर अपनी मां के पास चले गए थे। इस वजह से उनके बीच विवाद चल रहा था।