उमेश गुप्ता / वाराणसी
विपक्ष के विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की गुरुवार, 17 अप्रैल को बैठक रामकटोरा स्थित संता भवन में हुई। इसमें वाराणसी में लगातार महिला हिंसा, छात्राओं के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की लगातार बढ़ती घटनाओं पर घोर चिंता और आक्रोश व्यक्त किया गया। वक्ताओं ने कहा कि अपराधी बेलगाम होते जा रहे हैं और कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। वक्ताओं ने आगे कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आईटी के छात्रा के साथ बलात्कार, हुकुलगंज में बच्ची के साथ बलात्कार और हाल ही में एक छात्रा के साथ कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार की घटनाएं काशी को शर्मसार कर रही है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों के गायब होने का सिलसिला जारी है।
वक्ताओं ने कहा कि शहर में अवैध हुक्का बार नशे के अड्डे और कई होटलों में अनैतिक कारोबार हो रहा है। ऐसा संभव ही नहीं है कि इसकी जानकारी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को न हो। समूची कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। पूरे प्रदेश में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की आई बाढ़ बनारस को भी अपने चपेट में लिए हुए हैं। बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ, काशी की संस्कृति, विरासत और गरिमा की रक्षा करने का प्रधानमंत्री और यहां के सांसद की घोषणाएं खोखली ही नहीं है, बल्कि उसकी उल्टी दिशा में जा रही है।
उन्होंने कहा कि बनारस की गरिमा, बनारसीपन, विरासत और सम्मान को नीलाम किया जा रहा। बनारस के लोगों की जीविका और अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया गया है। इसके लिए सीधे तौर पर भाजपा की सरकार और स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 22 अप्रैल को रानी झांसी लक्ष्मी बाई के स्मारक से एक विरोध मार्च प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय तक निकाला जाएगा। राज्यपाल और राष्ट्रपति को मांग पत्र भेजा जाएगा। इसके बाद बनारस के आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत बचाने और यहां की आर्थिक व्यवस्था को चौपट करने के खिलाफ जिले में संयुक्त अभियान भी चलाया जाएगा।
बैठक में कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, सीपीएम के केंद्रीय कमेटी मेंबर डॉक्टर हीरालाल यादव, पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, कांग्रेस के प्रदेश सचिव फसाहत हुसैन, प्रदेश प्रवक्ता संजीव सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार यादव, सीपीआई के संयुक्त सचिव जय शंकर पांडेय, माले नेता मिठाई लाल, सीपीएम के राज्य कमेटी सदस्य नंदलाल पटेल और जिला मंत्री अनिल कुमार सिंह, कांग्रेस नेता प्रमोद वर्मा, सामाजिक इंसाफ मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. महफूज आलम एडवोकेट, फारवर्ड ब्लाक के नेता संजय भट्टाचार्य, आर डी सिंह विप्लवी आदि लोगों ने अपने विचार और सुझाव रखे। अध्यक्षता कुंवर सुरेश सिंह ने की।