– निलंबित पुलिस निरीक्षक का गंभीर आरोप
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले चार महीनों से बीड जिला महाराष्ट्र की राजनीति का केंद्र बना हुआ है। पहले विधानसभा चुनावों में विधायक धनंजय मुंडे के करीबियों द्वारा की गई गुंडागर्दी के कारण राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने गंभीर आरोप लगाए थे। उसके बाद सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के बाद राज्य में तीव्र आक्रोश की लहर उठी, जिसके कारण धनंजय मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब बीड के निलंबित पुलिस निरीक्षक रणजीत कासले ने धनंजय मुंडे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने यह भी कहा है कि मुंडे के लोगों ने उनके बैंक खाते में १० लाख रुपए जमा किए थे। इस पर परली राकांपा के राजेसाहेब देशमुख ने कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि अगर सिर्फ रणजीत कासले को १० लाख दिए गए तो बाकियों को कितना दिया गया होगा? रणजीत कासले ने दावा किया था कि धनंजय मुंडे ने उन्हें ईवीएम से दूर रहने के लिए १० लाख रुपए दिए थे। उल्लेखनीय है कि परली विधानसभा क्षेत्र में धनंजय मुंडे और राजेसाहेब देशमुख आमने-सामने थे। हालांकि, इस चुनाव में राकांपा के उम्मीदवार राजेसाहेब देशमुख को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। अब, कासले के आरोपों के बाद देशमुख आगे आए हैं और इस मामले की जांच के लिए कोर्ट में जाएंगे। इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने भी धनंजय मुंडे की जीत के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी। इस बीच राजेसाहेब देशमुख ने स्पष्ट किया कि इस निर्वाचन क्षेत्र में प्रशासन का किस तरह दुरुपयोग हुआ। उन्होंने सवाल किया है कि अगर सिर्फ कासले को १० लाख दिए गए तो बाकियों को कितना दिया गया होगा? उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए वे अदालत जाएंगे। निलंबित पुलिस निरीक्षक रणजीत कासले ने दावा किया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान परली निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई थी, इसके लिए मुझे अलग कर दिया गया और फिर मेरे खाते में १० लाख रुपए डाले गए। उसने यह भी दावा किया कि वाल्मीक कराड का एनकाउंटर करने के लिए धनंजय मुंडे ने उन्हें ऑफर दिया था।