सामना संवाददाता / मुंबई
पहले कांग्रेस के शासन में समाज के लिए आंदोलन करनेवाले शिवसैनिकों को तत्कालीन शासकों की ओर से टाडा लगाने की धमकियां दी जाती थीं। अब के शासकों की ओर से पार्टियां तोड़ने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किसी गिरोह की तरह किया जा रहा है। इस तरह का प्रखर मत शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल रखा।
दैनिक ‘सामना’ के वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर पवार के ‘मैंने देखा तीन दशकों का रोमांच’ (मी पाहिलेला तीन दशकांतील थरार) पुस्तक का विमोचन मुंबई मराठी पत्रकार संघ में उद्धव ठाकरे के हाथों कल हुआ। इस मौके पर वे बोल रहे थे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि सत्ताधारियों की ओर से पुराने मामलों को निकाला जा रहा है। सामने वाले पक्ष का नामोनिशान मिटाने का काम चल रहा है। हम कहां जा रहे हैं? हम केवल जा रहे हैं, इसका अंत क्या होगा? इस तरह का सवाल भी उन्होंने पूछा।
पुलिस है मजबूर
यदि पानी के लिए आंदोलन को रोकने के लिए शासक पुलिस का इस्तेमाल करेंगे तो फिर पुलिसवाले क्या कर सकते हैं? यह कहते हुए उन्होंने पुलिस की मजबूरी का भी जिक्र किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पुलिस को फ्री हैंड किया तो पुलिस चमत्कार कर सकती है। हमारा इतना भरोसा मुंबई और महाराष्ट्र पुलिस के ऊपर है।
पेयजल को लेकर आंदोलन
शिवसेना पिछले दो दिनों से मुंबईकरों की पेयजल की समस्या को लेकर आंदोलन कर रही है, लेकिन उसे रोकने के लिए पुलिस बंदोबस्त लगाया गया। उद्धव ठाकरे ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि शिवसेना समाज के लिए काम करती है, लेकिन शिवसेना के आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा।
जिनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए
वे खुले घूम रहे हैं!
उद्धव ठाकरे का जोरदार हमला
आज की सरकार पुलिस को आजादी देने के बजाय जहां जरूरत नहीं है, वहां पुलिस बंदोबस्त लगवाती है। जिन्हें जरूरत नहीं है, उन्हें सुरक्षा दी गई है और जिनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए, वे खुले घूम रहे हैं। इन शब्दों में उद्धव ठाकरे ने महायुति सरकार की खबर लेते हुए कहा कि पुलिस महत्वपूर्ण घटक है। उद्धव ठाकरे कल प्रभाकर पवार की पुस्तक के विमोचन समारोह में बोल रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार में मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए दुर्भाग्य से दुनिया में कोरोना महामारी जैसा कठिन दौर था। उससे निपटने का वह समय था। पुलिस की मदद से हमने उस परिस्थिति को सफलतापूर्वक काबू किया, लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो पुलिस भी एक हथियार है। उस हथियार का इस्तेमाल कौन वैâसे करता है, उस पर हमारा समाज निरोगी या रोगी रहेगा यह तय होता है।
माफिया चलाते थे समानांतर सरकार
इस अवसर पर शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि करीम लाला, हाजी मस्तान अंडरवर्ल्ड माफिया समानांतर सरकार चलाते थे। इस लाइन को पकड़ते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि करीम लाला अंडरवर्ल्ड माफिया था, लेकिन वह िंहदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे से मिलने ‘मातोश्री’ पर आता था। उन्होंने प्रभाकर पवार के निडर लेखन की सराहना करते हुए कहा कि अब के पेपर क्राइम्स ऑफ इंडिया हो गए हैं यानी सभी में क्राइम की खबरें छपी रहती हैं।
इनकी थी उपस्थिति
इस विमोचन समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार ‘पद्मश्री’ मधु मंगेश कर्णिक, दै. ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक व शिवसेना नेता-सांसद संजय राऊत, पूर्व सांसद ‘पद्मश्री’ कुमार केतकर, शिवसेना नेता व सांसद अरिंवद सावंत, मुंबई मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष संदीप चव्हाण आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन संदीप चोणकर ने किया।