सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले दो दिनों में सत्तारूढ़ दल ने कई मुलाकातों के बाद पहली कक्षा से ही हिंदी भाषा को अनिवार्य करने का परिपत्र जारी किया है। इसकी पोल खोलते हुए कल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि यह राजनीतिक पैâसला बिहार के चुनाव को सामने रखते हुए ही किया गया है।
आदित्य ठाकरे ने कल ‘मातोश्री’ निवास स्थान में पत्रकार परिषद लेकर सरकार के कई फैसलों पर जोरदार तंज कसा। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से हिंदी भाषी राज्य बिहार के चुनाव और मुंबई मनपा चुनाव को नजरों के सामने रखते हुए सत्ताधारियों की जोरदार मुलाकात चल रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इसमें एक-दूसरे को आइडिया और कुछ को पुनर्जन्म देने के लिए यह सब चल रहा है।
विचार करके फैसला लेना चाहिए
आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारा किसी भाषा का विरोध नहीं है। उन्होंने अपनी राय देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मराठी सभी को आना ही चाहिए, लेकिन इस पैâसले को जल्दबाजी में लेने की बजाय उपक्रम की सफलता को लेकर चर्चा होनी चाहिए था। हिंदी कौन-सी कक्षा से शुरू करनी चाहिए थी, इस पर विचार करके यह पैâसला लेना चाहिए था।