सामना संवाददाता / मुंबई
जिन्हें राज्यपाल, मंत्री पद की चॉकलेट दिखाया था, उन गद्दारों को खींचकर, रो-रोकर, घसीटकर घाती ने अब महामंडल का अध्यक्ष बना दिया है। घाती शासन के अब चंद रोज बचे हैं और चुनाव मुहाने पर है। इसी में कई महामंडलों को देकर घाती ने गद्दारों को चुप करा दिया है। घाती और साथ गए गद्दारों पर तीखा तंज कसते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा कि स्वार्थी गद्दारों पर विश्वास करोगे तो ऐसे ही विश्वासघात होगा।
ढाई साल पहले शिवसेना से गद्दारी कर सूरत भागे गद्दारों को घाती ने राज्यपाल और मंत्री पद का लालच दिया था। इसे लेकर गद्दारों ने बार-बार अपने मन के ‘भाव’ को बोलकर जताया था। कुछ गद्दारों ने मंत्री पद पाने के लिए कोट भी सिलवाए, लेकिन सरकार का कार्यकाल खत्म होने तक उन्हें कोई मंत्री पद नहीं मिला। इसलिए अब घाती सरकार द्वारा इन गद्दारों को महामंडलों का अध्यक्ष नियुक्त करने की योजना चल रही है। इस पर आदित्य ठाकरे ने ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में घाती की जमकर खबर ली है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिसके लिए घाती ने सूरत भगाया था, उन ३३ लोगों को देश में गद्दार के रूप में बदनाम ख्याति दिलाई। उन्हें घाती सरकार के चंद दिन बचे होने के बाद महामंडल देकर शांत किया जा रहा है। इस बीच घाती सरकार ने गद्दार विधायक भरत गोगावले सहित दो विधायकों को महामंडल के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करना शुरू कर दिया है। राजनीतिक गलियारे में इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
महाराष्ट्र को पीछे ले जाकर भाजपा को क्या मिला?
आदित्य ठाकरे ने घाती के पैâसले पर भाजपा को भी जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि घाती की ओर से गद्दारों को महामंडल दिए जा रहे हैं। इसमें भाजपा को क्या मिला। यह सभी घटनाक्रम होते समय भाजपा कार्यकर्ताओं को सराहनीय कार्य लग रहा है। दो वर्षों में हमारी सरकार को गिराकर, पक्ष तोड़कर भाजपा कार्यकर्ताओं को क्या मिला, ऐसा सवाल भी उन्होंने उपस्थित किया। घाती सरकार ने परस्पर पद दे डालीं, अब उनका क्या? आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र को पीछे खींचने में मिली सफलता के अलावा भाजपा को क्या मिला। उन्होंने ऐसा सीधा सवाल भी उठाया है।