मोतीलाल चौधरी / कुशीनगर
कुशीनगर के रामकोला में आई बारात में छोटी बहन के साथ आर्केस्ट्रा देखने गई 11 वर्षीया बालिका को युवक ने अगवा कर लिया और सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया। बाद में लहूलुहान हालत में छोड़कर आरोपी युवक फरार हो गया। होश में आने के बाद बालिका दर्द से चीखने-चिल्लाने लगी। गांव की ही एक महिला ने उसे एक लड़के के साथ घर भेजवाया। घर पहुंचने के बाद पीड़ित बालिका ने घटना की जानकारी दी।
मिली जानकारी के अनुसार, रामकोला थाना क्षेत्र के एक गांव में शुक्रवार की रात बरात आई थी। बरात में आर्केस्ट्रा भी था। आर्केस्ट्रा देखने के लिए 11 वर्षीया बालिका अपनी छोटी बहन के साथ गई थी। कुछ देर बाद रात करीब 12 बजे एक युवक बालिका के पास पहुंचा और उसे बहला-फुसलाकर गन्ने के खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। आरोपी ने उसका गला दबाए रखा, जिससे उसकी आवाज भी नहीं निकल रही थी। दुष्कर्म के बाद जब आरोपी युवक ने बालिका को लहूलुहान हालत में देखा तो वह बालिका को छोड़ वहां से भाग निकला।
कुछ देर बाद होश आने पर दर्द से चीखती-चिल्लाती बालिका को देख गांव की ही एक महिला की नजर पड़ी। महिला ने एक लड़के के साथ उसे घर भेजवाया दिया। आधी रात के बाद घर पहुंची बालिका को देख परिजन भी सन्न रह गए। जब परिजनों ने पता लगाया तो पता चला कि एक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। परिजनों के अनुसार, रात में ही आरोपी युवक की काफी खोजबीन की गई, लेकिन कहीं भी उसका पता नहीं चल सका। रात अधिक होने के नाते परिजन शनिवार की सुबह गांव के एक व्यक्ति की निजी गाड़ी से सीएचसी लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बालिका को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस सीएचसी पहुंच गई और परिजनों से पूरे मामले की जानकारी ली और आरोपी की तलाश में जुट गई। परिजनों की ओर से पुलिस को शिकायत देकर मामले में कार्रवाई की मांग की है। एसएचओ विनय कुमार सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने पर तत्काल केस दर्ज कर लिया गया। आरोपी युवक की तलाश की जा रही है। वहीं दरिंदगी की शिकार बालिका को लेकर उसकी मां पूरी रात गोद में लेकर रोती रही। बेटी के साथ हुए दरिंदगी को लेकर उसके चेहरे पर गम और गुस्सा साफतौर से दिखाई दे रहा था। सीएचसी से लेकर मेडिकल कॉलेज तक महिला आरोपी युवक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही थी। उसका कहना था कि ऐसे आरोपियों को तत्काल मौत की सजा होनी चाहिए। समाज में छिपे दरिंदे जब तक पूरी तरह खत्म नहीं होंगे, तब तक बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।