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दिल्ली में चल रहा है डुप्लिकेट शिवसेना की बैठकों का दौर! … संजय राऊत ने कसा घातियों पर तंज

सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना नाम को कलंकित करने का काम घाती कर रहे हैं। उन्होंने शिवसेना को चुराया, खुद को डुप्लिकेट शिवसेनाप्रमुख कहलवाते हुए घूम रहे हैं। हालांकि, इसके सीटों के बंटवारे और हर पैâसलों के लिए उन्हें दिल्ली में बैठकें करनी पड़ रही हैं। यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। इससे पहले भाजपा नेता सीट बंटवारे की चर्चा और महत्वपूर्ण पैâसलों के लिए मुंबई के `मातोश्री’ में आते थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री को दिल्ली भागना पड़ रहा है। वे अमित शाह के दरवाजे के सामने करीब तीन दिनों से बैठे हैं। इस तरह का तंज भरा हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया।
मीडिया से बातचीत में सांसद संजय राऊत ने कहा कि खुद को शिवसेना कहलवाने वाले दिल्ली में जाकर बैठकें कर रहे हैं। शिवसेना ने कभी भी ऐसा नहीं किया। सीटों का बंटवारा करने के लिए हम कभी भी दिल्ली नहीं गए। शिवसेना चुरानेवाले, खुद को डुप्लिकेट प्रमुख कहलवाने वाले मुख्यमंत्री पिछले तीन दिनों से दिल्ली में हैं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दरवाजे पर बैठे हैं। यह महाराष्ट्र को शोभा देनेवाला नहीं है। ऐसा करके शिवसेना के नाम पर कलंक लगा रहे हैं। एक समय था जब भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन, गोपीनाथ मुंडे मुंबई में `मातोश्री’ पर आकर चर्चा करते थे। हालांकि, वर्तमान तस्वीर ठीक उसके उलट और मजेदार है। वे दिल्ली में करीब तीन दिनों से ग्रीन लॉन में बैठे हैं। कब और क्या होगा, ये उन्हें भी पता नहीं है। इस तरह का तंज भी संजय राऊत ने कसा है।
शिंदे को चुनौती
वर्ली महत्वपूर्ण सीट है। यहां खुद शिंदे खड़े रहे। उनके पास प्रत्याशी नहीं होंगे, तो दिल्ली से आयात करें। इस सीट पर लड़ते हुए जीतकर दिखाएं। इस तरह की चुनौती संजय राऊत ने दी। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे कभी भी दिल्ली में सीट मांगने के लिए नहीं गए। जिस समय उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए दिल्ली गए थे। शिंदे इस तरह के बयान देते समय सोचें। उन्हें बुद्धि पर जोर देने की जरूरत है। दिल्ली की हवा फिलहाल प्रदूषित है। ऐसी प्रदूषित हवा में तीन-चार दिन रहने से शिंदे की विचार शक्ति प्रदूषित हो गई है। इस तरह का तंज भी संजय राऊत ने कसा।
आघाड़ी में सब कुछ हुआ तय
महाविकास आघाड़ी में सब कुछ तय हो गया है। इतनी सीटें छोड़ी जाएंगी कि हमारे मित्र दल नाराज नहीं होंगे। किसी निर्वाचन क्षेत्र में एक से ज्यादा प्रत्याशी हो सकते हैं। सुधीर सालवी नाराज नहीं हैं। कोई भी नाराज नहीं हैं। शिवसेना में कहीं भी बगावत नहीं होगी। इस तरह का विश्वास भी संजय राऊत ने जताया है।

विरोधियों की साजिश को करारा झटका
संजय राऊत की जमानत भी मंजूर
शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत को कल सत्र न्यायालय से मानहानि के मामले में बड़ी राहत मिली है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस. पी. पिंगले ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राऊत को मजिस्ट्रेट द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी है, साथ ही उन्हें ५०,००० रुपए के निजी मुचलके पर जमानत भी दे दी गई। ऐसे में चुनाव के मुहाने पर विरोधियों की साजिशों को अदालत के इस पैâसले से करारा झटका लगा है। विगत माह मजिस्ट्रेट न्यायालय ने सांसद संजय राऊत को १५ दिनों के साधारण कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ सत्र न्यायालय में अपील दायर की गई थी। इस अपील पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस. पी. पिंगले के समक्ष सुनवाई हुई, जिसमें संजय राऊत की ओर से एडवोकेट मनोज पिंगले ने तर्क प्रस्तुत करते हुए सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया। इस पर मेधा सोमैया के वकील ने तकनीकी मुद्दे उठाते हुए विरोध करने का प्रयास किया। हालांकि, अदालत ने सोमैया के विरोध को खारिज करते हुए संजय राऊत की सजा पर रोक लगाते हुए उनकी जमानत मंजूर की और अपील को अंतिम सुनवाई के लिए ३१ जनवरी २०२५ की तारीख निर्धारित की। इसके अलावा अदालत ने संजय राऊत को मामले में आगे की सुनवाई में हाजिरी से छूट भी दे दी।

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