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मुंबई में अवैध लैबों की भरमार …कंट्रोल कब करेगी सरकार … जनता की जान के साथ कर रहे खिलवाड़

– विपक्ष ने शिंदे सरकार को घेरा
– जल्द अवैध पैथोलॉजी लैबों पर बनेगा कानून
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में अवैध पैथोलॉजी की भरमार है। मुंबई जैसे शहर में अवैध पैथ लैब ने चिंता को बढ़ा दिया है, क्योंकि ये लैब जनता की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसे कंट्रोल करने के लिए राज्य में अभी तक कोई भी कानून नहीं है। दूसरी तरफ इन लैबों से निकलने वाले सिरिंज समेत अन्य बायो मेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाने के लिए मनपा की कौन-सी यंत्रणा है। इस तरह के कई सवालों की झड़ी सत्ता पक्ष और विपक्ष ने लगा दी। ऐसे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने आश्वासन दिया कि जल्द ही अवैध पैथोलॉजी लैबों के खिलाफ कानून लाकर उसे मंजूरी दी जाएगी।
विधानसभा सदन में प्रश्नोत्तर काल के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक सुनील राणे ने मुंबई में अवैध पैथोलॉजी लैब का मुद्दा उठाया। इस चर्चा में शामिल होते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक अजय चौधरी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में रिपोर्ट देरी से मिलती है, जिस कारण कर्मचारियों की मदद से मरीज निजी लैबों में जांच कराने के लिए जाते हैं। सबसे पहले ऐसे कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जितने बड़े अस्पतालों से मरीज लैबों में आते हैं, उतनी मोटी रकम वसूली जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों से २०० रुपए की जांच का ३,००० तक वसूल किया जाता है। इसके साथ ही कोई एक एमडी डॉक्टर पकड़ते हैं और उसके हस्ताक्षर सभी रिपोर्ट पर लैब चालक लेते हैं। ऐसे एमडी डॉक्टर पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लैबों की जांच के लिए क्या सरकार कोई यंत्रणा कार्यान्वित कर रही है। इसके साथ ही क्या कलेक्शन सेंटर चलानेवालों पर कड़क नियमावली लाई जाएगी।
मुंबई के सरकारी अस्पतालों में १९७ लैब
मंत्री सामंत ने कहा कि साल २०१९ के बाद से राज्य में ७,०८५ उम्मीदवारों ने महाराष्ट्र पैरामेडिकल काउंसिल से प्रमाणपत्र लिया है। वर्तमान में मुंबई के सरकारी अस्पतालों में १९७ लैब हैं। हालांकि, उन लैबों को बंद किया जाएगा, जो अवैध रूप से चल रहे हैं।
फिलहाल, प्रदेशभर में फ्लाइंग स्क्वॉड की टीमें तैनात कर ऐसी फर्जी लैब का पता लगाने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इनमें शहरी विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित विषय शामिल हैं इसलिए इन विभागों की संयुक्त बैठक की जाएगी।

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