मुख्यपृष्ठनए समाचारदेवताओं के घमंड को चूर किया आदि शक्ति दुर्गा ने

देवताओं के घमंड को चूर किया आदि शक्ति दुर्गा ने

उमेश गुप्ता / वाराणसी

वाराणसी के डाफी स्थित कमला आर्शीवाद वाटिका में चल रहे श्रीमद् देवी भागवत कथा के नौवें दिन गुरुवार को कथा का अमृत पान कराते हुए देवी उपसिका साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने कहा कि मां आदि शक्ति ने देवताओं का भी घमंड चूर किया था। कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि शुंभ निशुंभ एवं दानव राज अरुण के वध के बाद सारे देवताओं को अहंकार हो गया कि मैं ही सर्व शक्तिशाली हूं, मैं ही बड़ा हूं इस समय एक तेज ज्वाला स्वर्ग से निकली, जिसे देखकर इंद्र भयभीत हो गए और उन्होंने वरुण को भेजा कि जाकर पता करो ये ज्वाला कैसा है व ज्वाला से निकला तेज कैसा है। जब वरुण उस ज्वाला तेज के पास पहुंचे और पूछे आप कौन हैं? तो ज्वाला तेज ने पूछा कि आप कौन हैं? तो वरुण बोले कि मैं वरुण हूं, दो मिनट में पूरे ब्रह्मांड को बहा सकता हूं, तब ज्वाला कहती है कि सामने रखा एक तिनका का पहले बहा दो तो जानें, वरुण ने सारी शक्ति लगा दी, लेकिन वह तिनका अपने जगह से हिला नहीं। इसके बाद इंद्र ने अग्नि वायु सहित सभी देवताओं को भेजा, लेकिन कोई भी तिनका हिला नहीं पाया। इसके बाद स्वयं इंद्र पहुंचे तो ज्वाला गायब हो गयी। इससे दुखी होकर इंद्र देवता गुरु बृहस्पति के पास पहुंचे तो गुरु बृहस्पति ने कहा कि आप आदिशक्ति की आराधना करिए गुरु बृहस्पति के कहने पर इंद्र ने जब आदिशक्ति की आराधना की तो वह ज्वाला के रूप में प्रकट हुईं और इंद्र से कहीं कि यह सारी सृष्टि आदि शक्ति के आशीर्वाद से चल रही है। देवताओं को घमंड नहीं करना चाहिए। आज जो कुछ भी है वह आदि शक्ति के चाहने से ही है। यह पूरी सृष्टि की रचना आदि सृष्टि की है। देवी उपासिका ने कहा कि आदिशक्ति ने देवताओं का घमंड चूर कर उनको यह सबक दिया कि घमंड करना ठीक नहीं है। आदिशक्ति की आराधना करने से जहां सभी कष्ट दूर होते हैं, वही सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। कथा के अंत में आरती का भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया।

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