सामना संवाददाता / मुंबई
गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन मतलब खरीदने से पहले पार्किंग की सुविधा होना अनिवार्य करने का राज्य सरकार का नया प्रस्ताव इन दिनों चर्चा में है। मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों में पार्किंग की समस्या और ट्रैफिक जाम का हवाला देते हुए इस निर्णय को सरकार महत्वपूर्ण बता रही है, लेकिन वाहन मालिकों और विरोधी दलों की प्रतिक्रिया इस प्रस्ताव पर विरोधाभाषी है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने इस पर अपनी असहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए पार्किंग सुविधा सुनिश्चित करना सही हो सकता है, लेकिन सरकार को इस तरह की नीतियां लागू करने से पहले जनता से संवाद करना चाहिए। जब पहले से ही सड़कें अच्छी स्थिति में नहीं हैं, पार्किंग की पर्याप्त सुविधा नहीं है, तो नई समस्याएं खड़ी करना गलत है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज मुंबई जैसे बड़े शहरों में सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं है और पार्किंग की सुविधा कम है, तो इस नियम को लागू कर इस तरह नई परेशानियां खड़ी करना गलत है। ऐसी नीतियां केवल लागू करने से पहले सरकार को नागरिकों से संवाद करना चाहिए। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि जनता के साथ हम अन्याय नहीं होने देंगे।
उन्होंने इस नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या इस नीति का खामियाजा वाहन मालिकों को भुगतना पड़ेगा? क्या यह मध्यम वर्ग के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा? आदित्य ठाकरे सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने इस प्रस्ताव की आलोचना की है। उनका कहना है कि मुंबई, पुणे और अन्य महानगरों में पहले से ही जगह की कमी है। ऐसे में पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण किसी को कार खरीदने से रोकना उचित नहीं है। जनता की ओर से भी इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है। कुछ लोग इसे ट्रैफिक और पार्किंग समस्याओं को हल करने वाला कदम मानते हैं, तो वहीं मध्यमवर्गीय परिवारों को इससे असुविधा होने की आशंका है। मध्यमवर्गीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
क्या है प्रस्ताव
महाराष्ट्र सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि केवल उन्हीं लोगों को कार खरीदने की अनुमति होगी, जिनके पास अपने घर या सोसाइटी में पार्किंग की पर्याप्त जगह होगी। इसके लिए प्रमाणित पार्किंग क्षेत्र का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इस प्रस्ताव को राज्य परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने तैयार किया है और यह ३० दिसंबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। हालांकि, इस प्रस्ताव को अभी अंतिम मंजूरी नहीं मिली है।