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प्रशासन की लापरवाही ने ली चेतना की जान! …परिजनों ने २ दिन पहले ही उठाए थे सवाल

कोटपूतली के बोरवेल में फंसी मासूम चेतना १० दिनों के बाद अपनी जिंदगी की जंग हार गई। बोरवेल में करीब १५० फीट नीचे फंसी चेतना को बचाने के लिए १० दिन से अधिक समय तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था। बच्ची को बुधवार की शाम को बोरवेल से निकाला गया और तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित किया। पीएमओ डॉक्टर चैतन्य रावत ने चेतना के मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद ही शव को परिजनों को सौंपा जाएगा। चेतना के शव को अब मोर्चरी में रखवाया गया। परिजनों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उनकी लापरवाही ने चेतना की जान ले ली है। बता दें कि इससे पहले भी चेतना की मां ने प्रशासन पर बच्ची को बचाने के प्रयासों पर सवाल उठाए थे।
बता दें कि २३ दिसंबर को खेलते-खेलते पैर फिसलने से तीन साल की चेतना १५० फीट गहरे बोरवेल में जा गिरी थी। बच्ची के बोरवेल में गिरने की जानकारी होने के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा था। जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने कहा कि पिछले दस दिन से हम कोशिश कर रहे थे, लेकिन खुदाई में पत्थर आने से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही थी। सुरंग खोद रही टीमों को चेतना की लोकेशन मिल गई थी। उसके बाद उसे बाहर निकालने के लिए अंतिम दौर का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इससे पहले भी चेतना को बोरवेल से बाहर निकालने की ५ से ज्यादा कोशिशें फेल हुई हैं। इसमें चार बार देसी जुगाड़ से कोशिश की गई थी। बोरवेल में फंसी चेतना करीब ८ दिन से कोई मूवमेंट नहीं कर रही थी।

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