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आडवाणी की लड़ाई का भाजपा के लिए कोई महत्व नहीं! …अंबादास दानवे ने कसा तंज

सामना संवाददाता / मुंबई
दुनियाभर में लॉड ऑफ वॉर के रूप में विख्यात विवादास्पद हथियार डीलर अभिषेक वर्मा शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और भाजपा ने अभिषेक वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए थे। अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के नेता और विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भाजपा और शिंदे गुट पर निशाना साधा है।
हथियार व्यापार जगत में बड़े भ्रष्टाचार के आरोपी अभिषेक वर्मा शिंदे गुट में शामिल हो गए और राष्ट्रीय संयोजक भी बन गए। भारतीय जनता पार्टी, जो आज शिंदे की छत्रछाया में है, भाजपा ने २००६ में वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप के बाद वर्मा ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया। इसलिए आज अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस आडवाणी के खिलाफ दर्ज मामले को भूल गए हैं और अभिषेक वर्मा नाम का शख्स उनकी याददाश्त से गायब हो गया है। इसलिए वर्मा जैसे लोग भाजपा की एक उप शाखा शिंदे गुट में शामिल हो रहे हैं और पद भी हासिल कर रहे हैं। ऐसा ट्वीट दानवे ने किया। अगर ऐसा है तो लालकृष्ण आडवाणी की लड़ाई का आज भाजपा के लिए कोई महत्व नहीं है।
अभिषेक वर्मा कौन हैं?
अभिषेक वर्मा का परिवार कांग्रेसी पृष्ठभूमि वाला है और स्कॉर्पीन पनडुब्बी खरीद मामले में संदिग्ध है। भाजपा ने २००६ में ये आरोप लगाए थे। २०१२ में सीबीआई ने विवादास्पद हथियार डीलर के यहां छापा मारा था, जिसे दुनियाभर में लॉड ऑफ वॉर के रूप में जाना जाता था।

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