उमेश गुप्ता/वाराणसी
जंसा थाना क्षेत्र में एक मर्माहत कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां पारिवारिक विवाद और पुलिस की अनदेखी से आहत एक महिला ने अपने दो मासूम बेटों के साथ रेलवे ट्रैक पर जान दे दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिला को दौड़ते हुए देख लोगों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ कर पाता, महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आकर तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतका की पहचान मीनू सिंह के रूप में हुई है, जो हरसोस गांव निवासी विकास सिंह की पत्नी थी। विकास गुजरात के सूरत में एक निजी कंपनी में कार्यरत है। होली के समय घर लौटने के बाद परिवार में संपत्ति को लेकर तनाव बढ़ गया।
सोमवार को मीनू का अपने जेठ-जेठानी से विवाद हुआ, जिसके बाद मारपीट की नौबत आ गई। अगले दिन भी घर लौटने पर उसे फिर शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। इस अत्याचार से परेशान मीनू दोनों बेटों विप्लव (5) और विपिन (3) को लेकर थाना जंसा पहुंची, लेकिन वहां भी उसे कोई न्याय नहीं मिला।
आरोप है कि एसओ ने इसे घरेलू मामला बताकर नजरअंदाज कर दिया और मीनू को बिना कोई कार्रवाई किए घर भेज दिया।
थाने से लौटने के बाद मीनू ने अपने पति को फोन कर सारी स्थिति बताई। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक तीखी बहस होती रही। इस दौरान मीनू ने आत्महत्या की चेतावनी भी दी, लेकिन पति की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिलने पर उसने अपने और बच्चों की जान देने का निर्णय ले लिया।
जब महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन वाराणसी की ओर आ रही थी, मीनू ने अपने दोनों बच्चों को लेकर रेलवे ट्रैक की ओर दौड़ लगाई और इंजन के सामने जाकर खड़ी हो गई। लोको पायलट ने हार्न बजाया और हटने का संकेत दिया, लेकिन वह नहीं हटी। अगले ही पल ट्रेन की चपेट में आकर तीनों की दर्दनाक मौत हो गई।
शव रेलवे ट्रैक पर टुकड़ों में बिखर गए, जिससे घटनास्थल पर मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। सूचना पर जंसा पुलिस मौके पर पहुंची, शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा और अन्य कानूनी कार्रवाई शुरू की।
घटना के बाद ससुराल पक्ष के लोग भी थाने पहुंचे और उन्होंने भी अपना पक्ष रखा। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और परिवारजनों के बयानों को संकलित किया जा रहा है।