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डेंगू, मलेरिया के बाद अब मुंबईकरों पर मंडराया फाइलेरिया का खतरा! …खटाई में पड़ी मनपा की घर-घर दवा बांटने की योजना

सामना संवाददाता / मुंबई 
पहले ही डेंगू, मलेरिया सहित अन्य संक्रामक बीमारियों से जूझ रहे मुंबईकरों पर अब फाइलेरिया का भी खतरा मंडराने लगा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से पैâलती है। बताया जाता है कि इसके कारण फ्लूइड रिटेंशन हो सकता है यानी शरीर के किसी हिस्से में फ्लूइड जमा हो सकता है। कई मामलों में तो इससे विकृति या विकलांगता भी हो सकती है। चूँकि डेंगू, मलेरिया भी मच्छरों के काटने से ही पैâलते हैं। इसलिए डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा लोगों को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है।
मनपा पर भी उठ रहे सवाल इसे लेकर मुंबई मनपा पर भी सवाल उठ रहे हैं। फाइलेरिया को लेकर मनपा द्वारा घर-घर गोलियां बांटी जाती थींr, लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसा नहीं हो रहा है, साथ ही कई इलाकों में पैâली गंदगी और बढ़ते मच्छरों के प्रकोप की वजह से भी मनपा की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।
डॉक्टरों के अनुसार, इस बीमारी से जो अंग प्रभावित होता है, वह सूजकर भारी-भरकम हो जाता है। यही कारण है कि इसे एलिफेंटाइसिस या हाथी पांव बीमारी भी कहते हैं। सामान्य बोलचाल की भाषा में लोग इसे फाइलेरिया कहते हैं। मौजूदा वक्त में भारत के ७४ करोड़ लोगों को फाइलेरिया का रिस्क है। ‘इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लगभग ७४ करोड़ लोगों को फाइलेरिया का रिस्क है, जबकि ३.१ करोड़ लोग इससे संक्रमित हैं।

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