मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती के मौके पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद करणी सेना के हालिया प्रदर्शन के दौरान उन्हें दी गई जान से मारने की धमकी का मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह वही लोग हैं, जो न तो बाबासाहेब को मानते हैं, न ही उनके संविधान को और न ही लोकतंत्र में भरोसा रखते हैं। “ये वही संविधान है, जो हमें शिक्षा, आरक्षण और सम्मान का अधिकार देता है। यही हमारी ढाल है, यही संजीवनी है। अगर इसे कमजोर किया गया तो लोकतंत्र भी कमजोर होगा।”
बाबासाहेब के संविधान ने ही वंचितों को आगे बढ़ने का अवसर दिया है और आज की सरकारें इसी संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। अखिलेश ने कहा कि समय-समय पर बाबासाहेब की प्रतिमा के अपमान की घटनाएं होती रहती हैं, ये एक मैसेज देने की कोशिश होती है कि ताकतवर लोग वंचितों को अपमानित करेंगे। उन्होंने कहा, “ये वही प्रभुत्ववादी लोग हैं, जिन्होंने सदियों से शोषण किया है और आज भी बाबासाहेब के विचारों के खिलाफ काम कर रहे हैं। दलित समाज आज भी शादी में घोड़ी पर नहीं चढ़ सकता, पानी नहीं पी सकता और अगर छू ले तो उसे अपमानित किया जाता है।” उन्होंने जोर देकर कहा, “ये लड़ाई लंबी है और हम पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) परिवार के लोग मिलकर संविधान की रक्षा करेंगे।”
समाजवादी पार्टी के दलित सांसद रामजी लाल सुमन के एक बयान को लेकर बवाल छिड़ा हुआ है। शनिवार को पीले और केसरिया रंग के स्कार्फ पहने और ‘‘तलवारें लहराते हुए’’ करणी सेना और अन्य 40 क्षत्रिय समूहों के लोगों ने आगरा में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान एक शख्स ने अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी भी दे डाली। इसके जवाब में अखिलेश यादव ने कहा, “मैंने कई मौकों पर कहा है और आज फिर कहता हूं, ये (करणी सेना) भारतीय जनता पार्टी की ही सेना है। तलवारें लेकर निकलना, जान से मारने की धमकी देना, ये सब प्रशासन और शासन के इशारे पर ही हुआ है।” जिन विजुअल्स में तलवारें और लाठियां लहराते लोग दिख रहे हैं, वे हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं और यह सब बीजेपी की शह पर हुआ।
प्रयागराज में दलित युवक की हत्या पर बोले कि ये वही लोग हैं जो सत्ता के दम पर दलितों को जिंदा जला देते हैं और फिर सरकार खामोश रहती है। अगर बीजेपी 400 सीटें जीत जाती तो प्रेस के लोग भी सवाल नहीं पूछ सकते थे। प्रयागराज की घटना मामूली बात पर नहीं, बल्कि एक मानसिकता का परिणाम है, जो बाबा साहेब के विचारों से नफरत करती है।सरकार जानबूझकर ऐसे मुद्दे उठाती है, जिससे जनता का ध्यान बुनियादी सवालों से हट जाए। आज सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या संविधान सुरक्षित है? क्या ये सरकार संविधान के अनुसार चल रही है? अखिलेश यादव ने कहा कि हम गांव-गांव जाकर संविधान और बाबासाहेब के विचारों को आम लोगों तक पहुंचाएंगे। चाहे जितना भी जोखिम उठाना पड़े, संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करेंगे।